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________________ श्री इंगलपथ तीर्थ तीर्थाधिराज श्री नेमिनाथ भगवान, कसोटी पाषाण की, पद्मासनस्थ, लगभग 100 सें. मी. (श्वे. मन्दिर) | तीर्थ स्थल रिंगणोद गांव के बाहर । प्राचीनता आज का रिंगणोद पूर्वकाल में इंगलपुरपत्तन के नाम विख्यात था । विक्रम की बारहवीं सदी में यह शहर अत्यन्त जाहोजलालीपूर्ण रहने व अनेकों जिन मन्दिरों के रहने का उल्लेख है। एक जगह यहाँ नववसही के नाम से विख्यात नव शिखरबंद मन्दिरों के रहने का भी उल्लेख है। कालक्रम से मन्दिरों को क्षति पहुँची । कई मन्दिरों आदि के भग्नावशेष आज भी लगभग 9 कि. मी. विस्तार में यहाँ-तहाँ नदी आदि में बिखरे पड़े नजर आते हैं जो यहाँ की प्राचीनता को प्रमाणित करते हैं। आज यहाँ यही एक शिखरबंद मन्दिर विद्यमान है जिसमें विराजित प्रतिमाएँ यहाँ एक मकान के कच्चे चोतरे (ओटला) के नीचे खुदाई के समय वि. सं. 1992 में प्राप्त हुई जिनमें श्री नेमिनाथ भगवान की यह प्रतिमा भी थी जिसपर कोई लेख उत्कीर्ण नहीं है परन्तु शिल्पकला से सम्प्रति कालीन मानी जाती है । अन्य प्रतिमाएँ भी प्राचीन है। एक प्रतिमा पर वि. सं. 1219 का लेख उत्कीर्ण है । 690 0400 BEGEE श्री नेमिनाथ जिनालय इंगलपथ इस प्राचीन ऐतिहासिक स्थान, जहाँ किसी समय अनेकों जिन मन्दिर थे, वहाँ पर पुनः एक मन्दिर का निर्माण करवाने हेतु तात्कालीन देवास नरेश ने उपयुक्त स्थान पर विशाल जगह प्रदान की वहाँ इस मन्दिर का निर्माण करवाकर वि. सं. 1982 में उन प्राचीन प्रतिमाओं को पुनः प्रतिष्ठित करवाया गया जो अभी विद्यमान है । यहाँ पर एक प्राचीन उपाश्रय है जो लगभग आठ सौ वर्ष पूर्व का माना जाता है । उपाश्रय में एक भयरा है व भौयरे के नीचे पुनः एक भयरा है जो कम जगह पाया जाता है। विशिष्टता सहस्रों वर्ष पूजित श्री नेमीनाथ प्रभु की प्राचीन प्रतिमा अतीव प्रभाविक व चमत्कारिक है। दर्शनार्थियों को दिन में समय-समय पर प्रभु के अलग-अलग रूप में दर्शन होते हैं। श्रद्धालु भक्तजनों की मनोकामना पूर्ण होती है । प्रतिवर्ष मिगसर कृष्णा 10 को वार्षिक ध्वजा चढ़ाई जाती है। अन्य मन्दिर इसके अतिरिक्त श्री पार्श्वनाथ भगवान का एक और प्राचीन भव्य मन्दिर हैं । कला और सौन्दर्य यह स्थान प्राचीन रहने के कारण अभी भी प्राचीन कला के नमूने जगह-जगह पर नजर आते हैं, प्रभु प्रतिमाएँ अतीव प्रभाविक व दर्शनीय है । गांव के बाहर खुले मैदान में चारों और हरियाली के साथ स्थित यह शिखरबंद मन्दिर बड़ा ही सुन्दर व आकृषित लगता है । मार्ग दर्शन यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन जावरा लगभग 12 कि. मी. दूर है जहाँ पर टेक्सी, बस व आटो की सुविधा उपलब्ध है। नजदीक के बड़े शहर रतलाम 45 कि. मी. ईन्दौर 160 कि. मी. व उज्जैन 120 कि. मी. दूर है। मन्दिर तक कार व बस जा सकती है। नजदीक का हवाई अड्डा इन्दौर है। सुविधाएँ ठहरने के लिये मन्दिर के निकट ही सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला है। पूर्व सूचना पर भोजन की भी व्यवस्था हो सकती हैं । पेड़ी श्री जैन श्वे. नेमीनाथ तीर्थ मन्दिर पोस्ट : रिंगणोद - 457336 जिला रतलाम (म. प्र. ) फोन : 07414-64234 पी.पी.
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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