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________________ श्री लक्ष्मणी तीर्थ तीर्थाधिराज श्री पद्मप्रभ भगवान, श्वेत वर्ण, पद्मासनस्थ, लगभग 1.2 मी. (4 फुट) (श्वे. मन्दिर)। तीर्थ स्थल अलीराजपुर गाँव से 8.0 कि. मी. दूर जंगल में, मुख्य मार्ग पर । प्राचीनता 8 भूगर्भ से प्राप्त मन्दिर व अनेकों प्रतिमाओं से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह तीर्थ लगभग 2000 वर्ष प्राचीन होगा । विक्रम की 16 वीं शताब्दी तक यहाँ की जाहोजलाली अच्छी थी, ऐसा शास्त्रों से ज्ञात होता है। 15वीं शताब्दी में श्री जयानन्दमुनिजी द्वारा रचित प्रवास गीति में उल्लेख मिलता है कि विक्रम संवत् 1427 में यहाँ लगभग दो हजार श्रावकों के घर व 101 शिखरबन्द मन्दिर थे। शुक्र सागर (सुख सागर) ग्रन्थ के अनुसार माण्डवगढ़ के मन्त्री झांडण शाह द्वारा निकाला गया शत्रुजय यात्रा संघ यहाँ दर्शनार्थ ठहरा था । इस तीर्थ का अंतिम जीर्णोद्धार विक्रम संवत् 1994 में हुवा । विशिष्टता इस त्रिशिखरीय भव्य जिनालय का सभा मण्डप विशाल है । मन्दिर के भीतरी भाग में नये पाषाणों में निर्मित श्रीपाल जीवनी के 137 कलापूर्ण, रंग-बिरंगे पट दर्शनीय हैं । यहाँ पर चैत्र व कार्तिक पूर्णिमा को मेले का आयोजन होता है । अन्य मन्दिर 8 मन्दिर के निकट ही आचार्य प्रवर श्री राजेन्द्रसूरीश्वरजी महाराज का गुरु मन्दिर है। कला और सौन्दर्य भूगर्भ से प्राप्त अनेकों मूर्तियों की कला और सुन्दरता दर्शनीय है । अनेकों स्तम्भ अपने काल में मानों कीर्तिस्तम्भ रहे हों । मार्ग दर्शन 8 तीर्थ स्थल से निकट के रेल्वे स्टेशन दाहोद लगभग 80 कि. मी. बड़ौदा 153 कि. मी. छोटा उदयपुर 56 कि. मी. व इन्दौर 225 कि. मी. दूर है । निकट का बड़ा गाँव अलीराजपुर है जो खण्डवा-बड़ौदा मार्ग में 8 कि. मी. दूर है । जहाँ पर आटो व टेक्सी की सुविधा उपलब्ध है । मन्दिर तक सुविधाएँ मन्दिर के पास ही ठहरने के लिए सर्वसुविधायुक्त 2 धर्मशालाएँ है, जहाँ पर भोजनशाला की सुविधा भी उपलब्ध हैं । पेढ़ी श्री पद्मप्रभ कल्याणजी श्वेताम्बर जैन चेरिटेबल ट्रस्ट, लक्षमणी तीर्थ, पोस्ट : अलीराजपुर - 457 887. जिला : झाबुआ, प्रान्त : मध्यप्रदेश, फोन : 07394-33874 व 33545. कामागासरसतीश लक्ष्मणतिर्थला LCHDI मन्दिर का बाह्य दृश्य-लक्ष्मणी 668
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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