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________________ की गयी है जिनमें कुछ भाग्यशालियों ने अपनी शिक्षा पूर्ण कर दीक्षा भी अंगीकार की है । वर्तमान काल में इस प्रकार के धर्मप्रचार कार्य अत्यन्त सराहनीय हैं । प्रतिवर्ष वैशाख शुक्ला 7 को ध्वजा चढ़ाई जाती है । अन्य मन्दिर वर्तमान में इसके अतिरिक्त अन्य कोई मन्दिर नहीं है । कला और सौन्दर्य यहाँ का नव निर्मित मन्दिर बहुत ही कलात्मक और सुन्दर है । प्रभु प्रतिमा भव्य, शान्त और चमत्कारिक है । मार्ग दर्शन 8 तीर्थ स्थल से बोडेली रेल्वे स्टेशन सिर्फ लगभग 100 मीटर की दूरी पर है । जहाँ से टेक्सी, आटो आदि की सुविधाएँ उपलब्ध है । यह स्थान खण्डवा-बड़ौदा मार्ग पर स्थित है । आखिर तक पक्की सड़क हे । यहाँ से लगभग डबोई 40 कि. मी. बड़ौदा 62 कि. मी. व लक्षमणी तीर्थ 92 कि. मी दूरी पर है । एँ यहाँ पर ठहरने के लिए धर्मशाला है, जहाँ पानी, बिजली, बर्तन, ओढ़ने-बिछाने के वस्त्र व भोजनशाला की भी सुविधाएँ उपलब्ध है । पेढी श्री परमार क्षत्रिय जैन धर्म प्रचारक सभा पोस्ट : बोड़ेली - 391 135. जिला : बडौदा, प्रान्त : गुजरात, फोन : 02665-22067. मन्दिर का मनमोहक दृश्य-बोड़ेली y cant श्री बोड़ेली तीर्थ Sarsa ANG तीर्थाधिराज श्री महावीर भगवान, श्वेत वर्ण, पद्मासनस्थ, 104 सें. मी. (41 इंच) (श्वे. मन्दिर)। तीर्थ स्थल बोड़ेली नगर के मध्यस्थ । प्राचीनता इस मन्दिर की प्रतिष्ठापना वि. सं. 2011 वैशाख शुक्ला 9 के शुभ दिन पंजाबकेशरी श्रीमद् विजयवल्लभसूरिजी के पट्टधर आचार्य विजय समुद्रसूरीश्वरजी के हस्ते सम्पन्न हुई । विशिष्टता यहाँ पर हजारों परमार क्षत्रियों को पुनः जैन धर्म अंगीकार कराने के लिए यहाँ की पेढ़ी द्वारा धर्म प्रचार का कार्य सुचारु रूप से चल रहा है। छोटे छोटे गाँवों में मन्दिर और पाठशालाओं की स्थापना DAR Sevalias Timbat sampa 32. THASRA Yo Tuwa Dakort Tulsigan GODHRA Road Qhunadara Vejalpurd GHOGHAMBA Desar UMAETH) Delolvasda DEVGADHI BASA Hey SKALOLSA Gollain Champane Terkheda Malav SAVLI Bhadara Sgarlaya HALO Kanpur Tunday Warod beavagad Damankuwe o kadi Sankhedá A s oreya Shivrajper Chhani Nimet Away JAMBUGHODA Bodelid * VADODARA PAVI PARA Thuvavi rakarpuralo VADODARA SANKHEDA Kosindra Mandala DABHOI 68 Road 39 Dhadhar Buletha NASVADI JAN 1 Bujetha Kayavarohan 169 Koyali W WAGHODIA JETPUR ad 662
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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