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________________ को नवनिर्मित मन्दिर में प्रतिष्ठित करने के पूर्व यहाँ श्री पानसर तीर्थ के अन्य मन्दिर में विराजित किया गया था । अन्य मन्दिर इस गाँव में एक और मन्दिर है। तीर्थाधिराज श्री महावीर भगवान, श्वेत वर्ण, ___जहाँ के मूलनायक श्री धर्मनाथ भगवान हैं । यह पद्मासनस्थ, लगभग 91.4 सें. मी. (श्वे. मन्दिर) । प्रतिमा भी प्राचीन है । तीर्थ स्थल पानसर गाँव के निकट जंगल में। कला और सौन्दर्य 8 इस मन्दिर में व प्राचीनता यहाँ की प्रतिमा और कलाकृतियों श्री धर्मनाथ भगवान के मन्दिर में भूगर्भ से प्राप्त अन्य का अवलोकन करने से इस तीर्थ की प्राचीनता सिद्ध प्रतिमाएँ स्थापित हैं, जिनकी कला भी दर्शनीय है। हो जाती है । भगवान महावीर की शान्त, सुन्दर तथा मार्ग दर्शन तीर्थ स्थान के निकट ही पानसर चमत्कारी यह प्राचीन प्रतिमा विक्रम संवत् 1966 के रेल्वे स्टेशन है, जो अहमदाबाद-मेहसाणा मार्ग पर श्रावण शुक्ला 9 रविवार के दिन यहाँ पर रावल स्थित है । अहमदाबाद-मेहसाणा रोड़ मार्ग से कलोल श्री जलातेजा के यहाँ प्रकट हुई थी, जिसे एक भव्य से 7 कि. मी. दूर है । मन्दिर तक बस व कार जा मन्दिर का निर्माण करवाकर विक्रम संवत् 1974 सकती है । यहाँ से मेहसाणा 40 कि. मी. शेरीशा तीर्थ वैशाख शुक्ला 6 को प्रतिष्ठित की गयी । तत्पश्चात् 14 कि. मी., महुडी 55 कि. मी. व अहमदाबाद 40 विक्रम संवत् 1991 में पाँच और प्राचीन प्रतिमाएँ यहाँ कि. मी. दूर है । पर भूगर्भ से प्राप्त हुई जिनसे यह सिद्ध होता है कि सुविधाएँ ॐ ठहरने के लिए सर्वसुविधायुक्त यहाँ कभी अनेकों जिन मन्दिर रहे होंगे । धर्मशाला है, जहाँ भोजनशाला की सुविधा भी विशिष्टता ॐ कहा जाता है कि चरम तीर्थंकर उपलब्ध है । प्रभु वीर की भूगर्भ से चमत्कारी प्रतिमा के प्रकट होते पेढ़ी श्री पानसर महावीर स्वामीजी जैन देरासर ट्रस्ट, ही यहाँ अनेकों चमत्कार होने लगे, जिनसे सदैव पोस्ट : पानसर -382 740. जिला : गांधीनगर (गुज.) हजारों यात्रियों का जमघट रहने लगा । इस प्रतिमाजी फोन : 02764-88240. dillin श्री महावीर भगवान मन्दिर-पानसर 632
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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