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________________ श्री झाड़ोली तीर्थ तीर्थाधिराज श्री आदीश्वर भगवान, पद्मासनस्थ, श्वेत वर्ण, लगभग 60 सें. मी. (श्वे. मन्दिर)। तीर्थ स्थल 88 झाड़ोली गाँव के मध्यस्थ । प्राचीनता 88 शिलालेखों से ज्ञात होता है कि इसके प्राचीन नाम झाड़वली, झाववली व झाझउली आदि थे । मन्दिर में वि. सं. 1234 व वि. सं. 1236 के शिलालेख विद्यमान हैं । विक्रम संवत 1252 में श्री चन्द्रावती नगरी के राजा धारावर्ष के राज्यकाल में (उस समय उनके कला कुशल मंत्रीश्वर श्री नागड़ थे) इस मन्दिर में मण्डप का उद्धार व छ चौकी बनवाने का उल्लेख है । ___ वि. सं. 1255 में धारावर्ष राजा की पटराणी (नाडोल के चौहान राजा कल्हणदेव की सुपुत्री) श्री श्रृंगारदेवी द्वारा धर्मशील दानी श्री नीरड़ की उपस्थिति में इस मन्दिर के लिए एक वाव (अरट) भेंट करने का उल्लेख भी मन्दिर के एक शिलालेख में उत्कीर्ण है। इस शिलालेख के रचियता आचार्य श्री तिलकप्रभसूरिजी हैं यह वाव आज भी जैन संघ के आधीन है जिसे लोग “देव की वाव" कहते हैं । इस वाव में भी शिलालेख विद्यमान है । उक्त वृतांत से यह सिद्ध होता है कि यह मन्दिर वि. सं. 1252 से पूर्व का है । उस समय मूलनायक श्री महावीर भगवान थे । तत्पश्चात् कभी जीर्णोद्धार के समय श्री आदीश्वर भगवान की प्रतिमा प्रतिष्ठित की गयी होगी । इसी प्रतिमा को श्री शान्तिनाथ भगवान भी कहते हैं । वि. सं. 1499 में श्री मेघ कवि ने अपनी तीर्थमाला में यहाँ श्री शान्तिनाथ भगवान के मन्दिर का उल्लेख किया है । प्रतिमाजी पर सं. 1632 का लेख उत्कीर्ण है । विशिष्टता किसी समय यह एक समृद्धशाली शहर था, ऐसा यहाँ उपलब्ध शिलालेखों से प्रतीत होता है । समय समय पर राजाओं की इस तीर्थ के प्रति अटूट श्रद्धा व भक्ति उल्लेखनीय है । प्रतिवर्ष मिगसर शुक्ला 6 को ध्वजा चढ़ती है । अन्य मन्दिर 8 वर्तमान में इसके अतिरिक्त एक और जिन मन्दिर एक माणिभद्रजी का मन्दिर, नाकोड़ा भैरव व घंटाकर्ण महावीर के मन्दिर हैं । कला और सौन्दर्य मन्दिर में तोरणों व स्थभों पर की हुई प्राचीन शिल्पकला दर्शनीय है, जो कि आबू देलवाड़ा की याद दिलाती है ।। __ मार्ग दर्शन 8 नजदीक का रेल्वे स्टेशन सिरोही रोड़ 3 कि. मी. है, जहाँ से आटो,टेक्सी की सुविधा है । मन्दिर से बस स्टेण्ड 100 मीटर दूर है । मन्दिर तक कार व बस जा सकती है । बामनवाड़जी तीर्थ से यह स्थल 4 कि. मी. दूर है । सविधाएँ ठहरने के लिए धर्मशाला है. जहाँ पानी, बर्तन, बिजली, ओढ़ने-बिछाने के वस्त्र व भोजनशाला की सुविधा है । पेढ़ी श्री आदीश्वर जैन श्वेताम्बर पेढ़ी, पोस्ट : झाड़ोली- 307 022. जिला : सिरोही, प्रान्त : राजस्थान, फोन : 02971-20170. श्री आदिनाथ प्रभु जिनालय-झाड़ोली 406
SR No.002331
Book TitleTirth Darshan Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
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