________________
श्री उथमण तीर्थ
तीर्थाधिराज श्री पार्श्वनाथ भगवान, श्वेत वर्ण, पद्मासनस्थ लगभग 55 सें. मी. (श्वे. मन्दिर)।
तीर्थ स्थल उथमण गाँव के बाहर पहाड़ी की तलेटी में ।
प्राचीनता ® मन्दिर में उपलब्ध शिलालेखों से यह मन्दिर बारहवीं सदी पूर्वका सिद्ध होता है । मन्दिर के रंग मण्डप की दिवाल पर वि. सं. 1251 आषाढ़ कृष्णा पंचमी को मण्डप बनाने का लेख उत्कीर्ण है।
वि. सं. 1243 माघ शुक्ला 10 बुधवार का लेख है । जिसमें इस मन्दिर में श्री धनेश्वर श्रावक व कुटम्बीजनों द्वारा कुवाँ बनवाने का उल्लेख है । कुछ वर्षों पूर्व यहाँ का पुनः जीर्णोद्धार हुवा है ।
विशिष्टता प्रतिवर्ष पोष कष्णा दशमी को मेले का आयोजन होता है तब ध्वजा भी चढ़ाई जाती है । पूर्व में भाद्रपद कृष्णा दशमी को ध्वजा चढ़ाई जाती थी जो लगभग ग्यारह वर्ष पूर्व हुई चमत्कारिक घटनाओं के पश्चात् पोष कृष्णा दशमी को चढ़ानी प्रारंभ की गई ।
अन्य मन्दिर वर्तमान में इसके अतिरिक्त यहाँ कोई मन्दिर नहीं है ।
कला और सौन्दर्य प्रभु प्रतिमा की प्राचीन कला अति ही विचित्र व अपने आप में अनूठी है । मूलनायक भगवान की गादी के नीचे का विलक्षण शिल्प देखने योग्य है ।। __ मार्ग दर्शन नजदीक का रेल्वे स्टेशन जवाई बाँध 20 कि. मी. है, जहाँ से बस व टेक्सी की सुविधा है। नजदीक के बड़े गाँव सिरोही 22 कि. मी. व शिवगंज 15 कि. मी. है । इन स्थानों पर बस व टेक्सी की सुविधा है । बस स्टेण्ड मन्दिर से लगभग 17 कि. मी. मैन रोड़ पर है। वहाँ आटो के सवारी का साधन हर वक्त उपलब्ध है । कार व बस मन्दिर तक जा सकती हैं ।
सुविधाएँ ठहरने के लिये धर्मशाला हैं, जहाँ पानी, बिजली, बर्तन, ओढ़ने-बिछाने के वस्त्र व भोजनशाला की सुविधा है ।
पेढ़ी * श्री पार्श्वनाथ भगवान श्वेताम्बर जैन देरासर पेढ़ी, पोस्ट : उथमण - 307 043. जिला : सिरोही (राज.) फोन : 02976-64612.
काकाकाकाकामय
श्री पार्श्वप्रभु जिनालय-उथमण
374