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________________ व यहाँ के स्टेशन फालना पर पार्श्वनाथ भगवान का श्री खुडाला तीर्थ एक मन्दिर है। ___ कला और सौन्दर्य के जीर्णोद्धार के समय तीर्थाधिराज * श्री धर्मनाथ भगवान, श्वेत वर्ण, मन्दिर में मीनाकारी का काम सुन्दर ढंग से किया हुआ पद्मासनस्थ, लगभग 60 सें. मी. (श्वे. मन्दिर) । तीर्थ स्थल है खुडाला गाँव के रावला मार्ग दर्शन यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन वास में । फालना लगभग 3 कि. मी. है । जहाँ पर टेक्सी व प्राचीनता * पोरवाल वंशज श्री रामदेव के पुत्र आटो उपलब्ध है । यहाँ का बस स्टेण्ड लगभग एक श्री सुराशाह ने इस भव्य मन्दिर का निर्माण करवाया कि. मी. है । कार व बस मन्दिर तक जा सकती हैं। व उनके भ्राता श्री नलधर द्वारा इस प्रभु-प्रतिमा को वि. सुविधाएँ* ठहरने के लिए निकट ही सं. 1243 में प्रतिष्ठित किये जाने का लेख प्रतिमाजी सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला है, जहाँ भोजनशाला की पर उत्कीर्ण है । प्रतिमाजी पर विलेपन किया सुविधा भी उपलब्ध है । हुआ है । पेढ़ी श्री जैन श्वेताम्बर धर्मनाथ पार्श्वनाथ वि. सं. 1523 व वि. सं. 1543 में अन्य प्रतिमाएँ टस्ट.पेठी प्रतिष्ठित हुए का उल्लेख है । पोस्ट : खुडाला - 306 116. स्टेशन : फालना, विशिष्टता प्रतिवर्ष ज्येष्ठ कृष्णा 6 को ध्वजा । जिला : पाली, प्रान्त : राजस्थान, चढ़ाई जाती है । फोन : 02938-33300 (खुडाला) अन्य मन्दिर ® इसके अतिरिक्त एक घर देरासर 02938-33109. श्री धर्मनाथ मन्दिर-खुडाला 364
SR No.002331
Book TitleTirth Darshan Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
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