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________________ श्री खीमेल तीर्थ तीर्थाधिराज * श्री शान्तिनाथ भगवान, पद्मासनस्थ, श्वेत वर्ण, लगभग 75 सें. मी. (श्वे. मन्दिर)। तीर्थ स्थल खीमेल गाँव के बाहर । प्राचीनता ® यह गाँव विक्रमकी बारहवीं सदी पूर्व का माना जाता है । शेठ श्री लालाशाह ओशवाल द्वारा यह मन्दिर निर्मित किये का उल्लेख है । प्रभ-प्रतिमा की अंजनशलाका वि. सं. 1134 वैशाख शुक्ला 10 के शुभ दिन आचार्य श्री हेमसूरीश्वरजी के सुहस्ते सम्पन्न हुए का लेख उत्कीर्ण है । ____एक प्रतिमा आचार्य श्री विजयसेनसूरीश्वरजी द्वारा वि. सं. 1653 वैशाख शुक्ला 11 के दिन प्रतिष्ठित हुए का लेख है । विशिष्टता प्रति वर्ष फाल्गुन शुक्ला 3 को ध्वजा चढ़ायी जाती है । अन्य मन्दिर इसके अतिरिक्त वर्तमान में 3 और मन्दिर हैं । कला और सौन्दर्य * प्रभु-प्रतिमा प्राचीन व अति सुन्दर हैं । मार्ग दर्शन यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन खीमेल एक कि. मी. व फालना 11 कि. मी. दूर है। रानी व फालना से टेक्सी व बस की सुविधा है । यहाँ का बस स्टेण्ड लगभग 200 मीटर दूर हैं । कार व बस मन्दिर तक जा सकती है । सविधाएँ ठहरने के लिए धर्मशाला व ब्लाक हैं । जहाँ पानी, बिजली, बर्तन, ओढ़ने-बिछाने के वस्त्र व भोजनशाला की सुविधा हैं । पेढी श्री जैन श्वेताम्बर देवस्थान टस्ट. पोस्ट : खीमेल - 306 115. जिला : पाली, प्रान्त : राजस्थान, फोन : 02934-22052. वाTIRTHI श्री शान्तिनाथ जिनालय-खिमेल 358
SR No.002331
Book TitleTirth Darshan Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
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