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जहाँ प्रभु के प्राचीन चरणचिन्ह व प्रतिमा प्रतिष्ठित हैं। उद्यान परिसर में मानस्तंभ व चौवीसीटोंक की रचना
विशिष्टता * इस पावन पवित्र मन्दारगिरी है। सभी दिगम्बर मन्दिर है। श्री वासुपूज्य भगवान की कल्याणक भूमी होने के कला और सौन्दर्य * प्राचीन पावन पवित्र पर्वतका कारण यहाँ की महान विशेषता है ।
प्राकृतिक सौन्दर्य व वहाँ के विशुिद्ध परमाणु भाव-विभोर प्रभु अपने अंत समय में धर्मोपदेशना देते हवे करते हैं । यहाँ की जलवायु भी अतीव उत्तम है । ध्यानावस्था में छ: सौ अन्य मुनिजनों के साथ इसी मार्ग दर्शन * यहाँ तलहटी के गाँव का नाम पर्वत के उद्यान से मोक्ष सिधारे, अतः यहाँ के बौंसी है । रेल्वे स्टेशन का नाम मन्दारपर्वत रेल्वे परमाणुओं में ऐसी उर्जा है जिससे यात्रिगण भाव-विभोर स्टेशन है जो तलहटी धर्मशाला के निकट ही है । होकर प्रभु भक्ति में लयलीन हो जाते हैं व तलहटी से पर्वत की चढाई मन्दिर तक लगभग 3 पुण्यानुबंधी पुण्य का उपार्जन करते हैं ।
कि. मी. है । पहाड़ पर पैदल चढ़ना पड़ता है । डोली ___वर्तमान में विज्ञानियों ने भी अनुसंधान कर यह का भी साधन है । कार व बस तलहटी तक जा सिद्ध किया है कि जहाँ कहीं भी ऋिषि मुनिगणों ने सकती है । हजारों वर्ष पूर्व भी ध्यान किया है, आराधना की है या यह स्थल भागलपुर से 55 कि. मी. दूरी पर है । विचरे हैं, उनके वे परमाणु आज भी वहाँ मौजुद हैं व नजदीक का हवाई अड्डा पटना 220 कि. मी. व वहाँ जाने वाले यात्रियों के मनोभावों में स्पर्श करते हैं कोलकाता 410 कि. मी. दूर है । जिसे यात्री स्वतः महसूस करते हैं । जिससे उनके सुविधाएँ * वर्तमान में ठहरने के लिये पहाड़ भावों में परिवर्तन स्वतः आजाता है । श्रद्धालु यात्रिगण की तलहटी में रेल्वे स्टेशन के निकट ही सर्वसुविधायुक्त ऐसे पुनीत-पावन कल्याणक स्थलों की यात्रा करने का धर्मशाला है, बिजली हेतु जनरेटर भी है । भोजनशाला अवसर न चूकें ।
प्रारंभ होने वाली हैं । अन्य मन्दिर * वर्तमान में इसके अतिरिक्त पेढी * श्री मन्दारगिरि दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र यहाँ की तलहटी धर्मशाला में एक मन्दिर है व तलहटी पोस्ट : बौंसी - 813 105. जिला : बांका, से पर्वत रास्ते में मनोहर उद्यान में भी एक मन्दिर व प्रान्त : बिहार, फोन : 06424-37712.
मन्दारगिरि पर्वत पर श्री वासुपूज्य जिनालय (दिगम्बर)