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________________ श्री सुविधिनाथ भगवान प्राचीन चरण (श्वे.) - काकन्दी श्री काकन्दी तीर्थ तीर्थाधिराज * श्री सुविधिनाथ भगवान, चरण पादुका श्यामवर्ण, लगभग 18 सें. मी. (प्राचीन चरण) श्री सुविधिनाथ भगवान, श्वेत वर्ण, पद्मासनस्थ वर्तमान मूलनायक (श्वे. मन्दिर) । तीर्थ स्थल काकन्दी गाँव के मध्य । प्राचीनता * यहाँ की प्राचीनता का इतिहास नवमें तीर्थंकर श्री सुविधिनाथ भगवान से प्रारम्भ होता है । श्वेताम्बर मान्यतानुसार भगवान श्री सुविधिनाथ के चार कल्याणक (च्यवन, जन्म, दीक्षा व केवलज्ञान) इस पावन भूमि मे हुए । सुविधिनाथ भगवान को पुष्पदन्त भी कहते हैं । एक समय राजा सुग्रीव यहाँ राज्य करते थे । उनकी रानी का नाम रामा देवी था । पुण्य योग से रानी ने फाल्गुन कृष्णा 9 के दिन मूला नक्षत्र में तीर्थंकर जन्म सूचक महा स्वप्न देखे । उसी क्षण श्री महापद्म का जीव अपने पूर्व के दो भव पूर्ण करके रानी की कुक्षी में प्रविष्ट हुआ । क्रमशः गर्भ का समय पूर्ण होने पर मार्गशीर्ष कृष्णा 5 के शुभ दिन मूला नक्षत्र में मगर चिह्वयुक्त पुत्र रत्न का जन्म हुआ। गर्भ समय में माता सब विधियों मे कुशल हुई थी श्री सुविधिनाथ जिनालय (श्वे.) - काकन्दी
SR No.002330
Book TitleTirth Darshan Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
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