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श्री पार्श्वनाथ भगवान ट्रॅक - सम्मेतशिखर
अब हम इस सर्वोच्चतम ट्रॅक से हमारे तीर्थंकर भगवन्तों व मुनि महाराजों को भावयुक्त वन्दना करके वापस मधुबन लौट रहे हैं । थोड़ी ही दूर पर डाक बंगला है, जहाँ से बांई ओर निमियाघाट का रास्ता जाता है । दूसरा दांई ओर का रास्ता मधुबन जाता है।
मधुबन उतरने पर पुनः भोमियाजी बाबा का दर्शन कर विश्राम करना है । वापस पहुँचने तक 3-4 बज जाते हैं । पहुँचने पर कुछ थकावट-सी जरूर महसूस होती है । क्योंकि कुल 18 मील पार करके आये हैं। परन्तु रात भर में थकावट मिट जाती है ।
इस प्रकार महान पवित्र सम्मेतशिखर पहाड़ की हमारी यात्रा संपूर्ण होती है ।
यहाँ प्रतिवर्ष पौषकृष्णा दशमी व फाल्गुन शुक्ला पूर्णिमा (होली के दिन) को मेला भरता है, जब जैन व जैनेतर विपुल संख्या में भाग लेकर प्रभु-भक्ति में लीन हो जाते हैं । __ अन्य मन्दिर * पहाड़ पर स्थित सारी वैंकों व मन्दिरों का वर्णन विशिष्टता में दे चुके हैं । इनके अतिरिक्त पहाड़ पर कोई मन्दिर या टूके नहीं हैं । पहाड़ की तलहटी मधुबन में आठ श्वेताम्बर मन्दिर दो दादावाड़ियाँ व एक भोमियाजी महाराज का मन्दिर है। इनके अतिरिक्त दिगम्बर बीसपंथी की कोठी में आठ
श्री पार्श्वनाथ भगवान निर्वाण स्थल - सम्मेतशिखर