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वक्त यहाँ के राजा व तमाम प्रजा जैन थीं । प्रतिवर्ष कार्तिक शुक्ला 13 से पूर्णीमा तक मेला भरता हैं । उसमें हजारों जैन-जैनेतर भाग लेते है ।
अन्य मन्दिर तलहटी में श्री पार्श्वनाथ भगवान के दो और आदिनाथ भगवान का एक कुल तीन मन्दिर हैं ।
कला और सौन्दर्य भारत में ऐसे पहाड़ कम होंगे जिनमें गुफाएँ, प्रतिमाएँ तथा जल कुण्डों की भरमार हो । पुरातन कला का भण्डार, इस स्थान का जितना भी वर्णन किया जाय, वह कम है । गुफाओं में प्राचीन कलात्मक जिन प्रतिमाओं के साथ-साथ मुनियों की प्राचीन प्रतिमाएँ एवं नृत्य की मुद्रा में दर्शनीय देवियों की मूर्तियाँ अन्यत्र दुर्लभ है । स्थान-स्थान पर संस्कृत एवं अर्द्ध मागधी भाषा के 'शिला-लेख दिखायी देते है ।
मार्ग दर्शन * यहाँ से नवापुरा रेल्वे स्टेशन 80 कि. मी. और मनमाड़ 97 कि. मी. दूर है । समीप का बड़ा गाँव ताहराबाद है, जहाँ से तलहटी लगभग
10 कि. मी. है । इन स्थानों से टेक्सी और बस इत्यादि की सुविधाएँ है । तलहटी में स्थित गाँव का नाम भीलवाड़ है । तलहटी मन्दिर से पहाड़ पर स्थित मन्दिर की दूरी लगभग 7 कि. मी. है । गिरिराज की चढ़ाई लगभग 1/2 कि. मी. है, कुल 3260 सीढ़ियाँ है । यहाँ से धुलियाँ लगभग 105 कि. मी. व नासिक 122 कि. मी. दूर है ।
सुविधाएँ * ठहरने के लिए तलहटी में सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला है, जहाँ पर भोजनशाला सहित सारी सुविधाएं उपलब्ध है । पहाड़ पर चढ़ने के लिए डोलियाँ भी उपलब्ध है ।
पेढी * श्री दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र मांगी तुंगीजी पोस्ट : मांगी तुंगी - 423 302. तालुका : सटाणा जिला : नासिक, प्रान्त : महाराष्ट्र, फोन : 02555-38275.
मांगी-तुंगी टेकरिओं का दृश्य
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