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अनन्तनाथ भगवान का च्यवन, जन्म, दीक्षा और श्री बाहुबली, ब्राह्मी, सुन्दरी, राजा दशरथ, केवलज्ञान कल्याणक होने का सौभाग्य इस पावन भूमि मर्यादा-पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्रजी, श्री महावीर भगवान को मिला है।
के नवें गणधर श्री अचलभ्राता, विक्रम की तीसरी सदी ___ सामाजिक, राजनैतिक, व व्यवहारिक प्रथा प्रारम्भ __ में हुए आचार्य श्री पादलिप्तसूरीश्वरजी, सत्यवादी राजा होने का व असि, मसि, कृषि, विद्या, शिल्प व वाणिज्य ___ हरिश्चन्द्र आदि की भी यह जन्मभूमि है । का ज्ञान समाज को मिलना प्रारम्भ होने का अवसर पानी में डूबती हुई अयोध्या को सती सीताजी ने भी इसी तीर्थ भूमि को प्राप्त हुआ ।
अपने शील के प्रभाव से यहीं रहकर बचाया था । ___ भरत चक्रवर्ती ने यहीं रहकर संपूर्ण भारत खण्ड पर अयोध्या का रामराज्य जन-प्रचलित है । रघुकुलपति विजय प्राप्त करके सार्वभौम साम्राज्य की स्थापना की। श्री रामचन्द्रजी के राज्यकाल में जनता सुखी व साम्राज्य का केन्द्र अयोध्या बनाकर भरत-क्षेत्र के प्रथम समृद्धिशाली थी जिसे आज भी लोग याद करते हैं । चक्रवर्ती हए । तब से हमारे देश का नाम भारतवर्ष इनके अतिरिक्त यहाँ अनेकों धर्मनिष्ठ राजा, मंत्री व पड़ा ।
महात्मा हुए, जिन्होंने अनेकों प्रकार के धार्मिक कार्य भगवान महावीर व गौतम बुद्ध का भी यहाँ पदार्पण करके जैन-धर्म का ही नहीं अपितु भारतवर्ष का भी हुआ था । भगवान महावीर ने यहाँ के राजा चिताल गौरव बढ़ाया है । हिन्दू भी इसे अपना तीर्थ धाम को दीक्षा दी थी ।
मानते हैं। हिन्दुओं के लिए रामचन्द्रजी का जन्म स्थान
श्री आदीश्वर भगवान (दि.) - मन्दिर-अयोध्या
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