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________________ सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा। हम बुलबुले हैं इसकी ये गुलसितां हमारा ॥ परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमां का । वो संतरी हमारा, वो पासवां हमारा ॥ . गोदी में खेलती हैं, जिसकी हजारों नदियाँ । गुलशन है जिनके दम से, रश्के-जिनां हमारा ॥ मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना। हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्तां हमारा ॥ II.. लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी ज़िन्दगी शमां की सूरत हो खुदाया मेरी। दूर दुनियाँ का मेरे दम से अंधेरा हो जाए हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाए। हो मेरा काम गरीबों की हिमायत करना दर्दमन्दों से ज़रीफों से मोहब्बत करना । मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको नेक जो राह हो उस राह पे चलाना मुझको ॥ 55 उर्दू गीत उर्दू गीत
SR No.002329
Book TitleNaman
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhuban Educational Books
PublisherMadhuban Educational Books
Publication Year
Total Pages58
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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