________________
सुचरित्रम् .
एक ओर भ्रष्टाचारियों के हौसले टूटते जाएंगे और दूसरी ओर चरित्र निर्माण अभियान में लगे कार्यकर्ताओं का साहस और जोश हर जीत के मोर्चे पर बढता जाएगा। फिर तो उनकी संघर्ष की ख्याति दूर-दूर तक फैलती जाएगी और उनका काम आसान होता जाएगा। एक बार एक स्थान पर पांव जमने के बाद तो चरित्र निर्माण अभियान एक शक्ति के रूप में फैलता जाएगा। सर्वाधिक प्रोत्साहन की बात तो यह होगी कि सफलता के दौर में अपार जन सहयोग इस अभियान को मिलता हुआ चला जाएगा। जन सहयोग से कौनसी ऐसी समस्या हो सकती है जिसके समाधान का दबाव नहीं बढ़ जाता है।
चरित्र निर्माण की इस प्रक्रिया में व्यक्ति का चरित्र संघर्षों को झेलता हुआ तथा कामयाबी हासिल करता हुआ फौलादी रूप ले लेगा। यह स्वरूप अधिक से अधिक व्यक्तियों को आकर्षित करेगा तथा चरित्र का सामूहिक स्वरूप ढलता हुआ चला जाएगा। यदि पूरी सच्चाई और समर्पण की वृत्तियों के साथ चरित्र निर्माण की प्रक्रिया चले तो चारित्रिकता के पक्ष में एक प्रबल वातावरण बन जाएगा और यह वातावरण तूफान की तरह चरित्रहीनों के महलों तक को हिला देगा। उनके सामने बदलो या छोड़ो के सिवाय तीसरा विकल्प नहीं बचेगा। इस प्रवाह में अभियान का कार्य-विस्तार आश्चर्यजनक रीति से हो सकता है। अभी जो अभियान का कार्य भारतवर्ष तक सीमित रखा गया है, कोई अतिशयोक्ति नहीं कि अभियान अन्यान्य देशों में भी फैले और पूरे विश्व के चरित्र निर्माण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए विवश कर दे। युवा शक्ति की जागृति और कर्मठता असंभव को भी संभव करके दिखा सकती है।
502