________________
श्रेष्ठ शिक्षा, संस्कार से सामर्थ्यवान व गुणी व्यक्तित्व का निर्माण
चरित्र विकास में शिक्षा व संस्कार की भूमिका
एक बोध कथा है। दो साधु नदी किनारे बैठे अपने
पात्रों को साफ कर रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि पानी में एक बिच्छू डूब रहा है। यह देख एक साधु से रहा न गया और उसने तुरन्त बिच्छू को पानी से अपनी हथेली पर उठाया और किनारे पर रख दिया। इस बीच बिच्छू ने उस हथेली पर अपना डंक मार दिया। साधु को जोर से पीड़ा हुई, पर उसने शान्त रह कर उसे सहन की। वह फिर से अपना पात्र साफ करने लगा। ___ उत्सुकतावश उसी साधु की दृष्टि फिर से किनारे पर बिच्छ को खोजने लगी तो वह वहां नहीं दिखाई दिया। चौंक कर उसने इधर-उधर देखा तो दिखाई दिया कि बिच्छू फिर पानी में चला गया है और डूबने लगा है। वह फिर उठा। पहले की तरह उसने बिच्छू को हथेली पर लिया और किनारे पर रख दिया। बिच्छू ने भी पहले की ही तरह डंक मारा, पर साधु उसे भी सह गया और पीड़ा को सहते हुए अपने पात्र साफ करने लगा।
दुर्योग कि बिच्छू फिर किनारे से पानी में चला गया। फिर साधु की नजर उस पर पड़ी और वह उसे डूबते हुए नहीं देख सका। तीसरी बार भी उसने बिच्छू को हथेली
340