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सुचरित्रम्
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किस प्रकार सदुपयोग करना चाहिए। हमें ऐसी जीवन शैली अपनानी चाहिए कि हमारा जीवन सच्चे अर्थों में सुखी बने और यथासाध्य दूसरों के जीवन को भी सुखी बनाया जा सके। इस लक्ष्य क पहुँचने का राजमार्ग एक ही है और वह है चरित्र निर्माण का, अपने विचार और आचार को शुद्ध बनाने का तथा समाज व संसार में जीवन व्यवहार की अहिंसक शैली के सृजन का। यही सम्पूर्ण जगत् के लिए सुख एवं शान्ति का राजमार्ग है।
हम इस लक्ष्य को सामने रखें कि लें आचरण का आधार, करें जीवन का परम सुधार । आचरण को स्वस्थ एवं सुचारू बनाए बिना प्रगति का कोई मार्ग नहीं खुलता - न तो एक व्यक्ति लिए और न ही सामूहिक संगठनों, राष्ट्रों या पूरे संसार के लिए। आज जो चारों ओर अराजकता, असहिष्णुता तथा अशान्ति का वातावरण दिखाई दे रहा है उस के पीछे मुख्य रूप से चरित्र हीनता ही है । अतः चरित्र निर्माण की ध्वजा को ऊपर उठाइए और जागरण का शंख बजाइए ताकि चरित्र निर्माण एक जनान्दोलन बन जाए तथा जो सतत रूप से चलता रहे।