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अनुक्रमणिका 1. 2003 शांतिनगर बेंगलोर चातुर्मास 2. प्रवचनांश - बेंगलोर 3. आगमिक प्रश्नोत्तर 4. सिद्ध प्रश्नमाला 5. अरिहन्त प्रश्नमाला 6. पुण्य खरचने का थोकड़ा 7. नियमा या भजना 8. पच्चीस क्रिया 9. गति-आगति की विशेष नोंध 10. तीर्थंकर व सामान्य केवली विवेचना 11. पच्चीस बोल स्वरुप (कविता रुप में) 12. पच्चीस बोल स्वाध्याय हेतु, विशिष्ट चिन्तन 13. सामायिक साधना 14. आठ दिन में धर्मध्यानका मासखमण 15. समस्याएँ और समाधान 16. क्रोध पर बोल 17. अमृत कर्णिकाए 18. अमृत झरना 19. अन्तर के उद्गार
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विनय बोधि कण भाग प्रथम “विमोचित” स्थान संगोई हॉल, रायपुर (छत्तीसगढ़)
दि. २३-१२-१९९८ स्थानकवासी जैन संत विनय मुनिजी महाराज के सफलतम चातुर्मास में प्रवचनोपरान्त प्रतिदिन प्रश्नोत्तर का क्रम चलता था। जिसे संग्रहित कर विनय बोधि कण पुस्तक को जैन समाज की धर्मनिष्ठ महिला श्रीमती दीपा विजय संगोई ने हाल में मुनिश्री के प्रवचन पश्चात समर्पित कर दिया, जिसका विमोचन जैन समाज के प्रतिष्ठित नागरिक तथा रायपुर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष सम्पतराज जैन ने किया। चातुर्मास समिति के सचिव ओमप्रकाश बरलोटा ने बताया कि स्वाध्याय जिज्ञासु एवं औजस्वी वक्ता विनय मुनिजी ने संस्कृत, हिन्दी, प्राकृत , टीका , कर्म ग्रंथो एवं दर्शनों का गहन अध्ययन किया है। हर चातुर्मास में शिविर के माध्यम का अभिनव प्रयोग रहा है। बरलोटा ने बताया विनय बोधि-कण पुस्तिका में १७७७ प्रश्नोत्तर का समावेश है, जिसे निर्माण करने के लिए श्रीमती दीपा संगोई, योगेन्द्र भण्डारी, किशन बैदमूथा, श्रीमती विमला शाह, विजय संगोई एवं श्रीमती चित्रा बैदमूथा का अपूर्व सहयोग रहा।
पत्रिका ओमप्रकाश बरलोटा, रायपुर