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और पवित्र ग्रन्थ प्रायः हर व्यक्ति के पास उपलब्ध है। लेकिन | 'विनय बोधि कण' ज्ञान ग्रन्थ बहुत ही अमूल्य एवं उपयुक्त है। समया- भाव के कारण लम्बे चौड़े प्रवचन और विशालकाय आप लोगों का इस प्रकार जन जन तक महावीर का संदेश; ग्रन्थ घर की शोभा मात्र बनकर रह गये है। ऐसे परिवेश में ज्ञान पहुँचाने का प्रयास बहुत ही सराहनीय है। लोकाशाह के आवश्यक है 'विनय बोधि कण' जैसे संकलन की। वास्तव में समान इसकी उपमा कहे तो यह अतिषयोक्ति नहीं होगी। अथाह सागर से कुछ रत्न निकालकर इस छोटी सी पुस्तिका
मानक चंद बोहरा, खामगांव (महाराष्ट्र) का प्रत्येक वाक्य एवं प्रश्न व उसके उत्तर जैन धर्म और दर्शन की सुक्ष्म मीमांसाएं है।
पुस्तक हर प्रकार से बहुत ही सुन्दर और उपयोगी है। ज्ञान मनोहर सिंह मेहता, इन्दौर (म.प्र) वर्धन के साथ साथ स्वाध्याय योग्य और मननशील भी है।
पुस्तक के प्रकाशनार्थ सभी को हार्दिक शुभ कामनायें प्रेषित 'विनय बोधि कण' महाग्रन्थ की महिमा का वर्णन किस मुख
करता हूँ। प्रथम दृष्टया अवलोकन पर ग्रन्थ की सम्पूर्ण साज से करूं क्योकि मेरी तो जबान एक है। सचमुच में नित्य सज्जा एवं सामग्री अति मन मोहक लगी उसके लिए आप स्वाध्याय योग्य है, सबको बहुत खुशी हुई कि आपने इतनी सभी को हार्दिक शुभ कामनाएँ प्रेषित ग्रन्थ के लिए यहाँ का श्री अच्छी उपयोगी सदगुण युक्त स्वाध्याय बुक निःशुल्क भेजा, श्वेताम्बर जैन संघ अत्यन्त आभारी है। यह साहित्य जनजन के लिए अमूल्य निधि है।
राम स्वरूप जैन, लोहामण्डी, आगरा (UP) डॉ. लक्ष्मीचंद जैन, छोटी कसरावद (म.प्र)
यह अनुपम ग्रन्थ है। मणिबेन कीर्तिलाल मेहता आराधना 'विनय बोधि कण' ग्रन्थ हमारे सेवा भावी सुश्रावक श्री भवन को भी सदुपयोग के लिए आभार। कस्तूरचन्दजी साहेब ललवाणी इन्दौर से प्राप्त हो गया है। मंगलचंद जैन, (Retd. चीफ सचिव UP सरकार) नई दिल्ली पुस्तक पढ़ने के बाद सचमुच लगता है कि यह ग्रन्थ अन्तर्मुख 'विनय बोधि कण' ग्रन्थ श्री संघ को प्राप्त हवा। हार्दिक आभार बनने के लिए अत्यन्त ही लाभदायी सिद्ध होगा। इस ग्रन्थ के सहित धन्यवाद। ग्रन्थ की भव्यता अति सुंदर बनी है। उसमें सर्जक शिविराचार्य प.पू. विद्वद्वर्य मुनि श्री विनय मुनि म.सा जो सामग्री दी गयी है, उससे उसकी भव्यता को आकर्षण . ने अपनी लम्बी दीक्षा-पर्याय में जैन दर्शन और शास्त्रों को शक्ति प्राप्त हुयी है। महाराज श्री के अथक प्रयास का ही फल आत्मसात किया है और साथ ही साथ सतत् आत्मलक्षी है जिससे श्रावक ज्ञानगम्य बने और उन वचनों को संकलित साधना के पथ पर अत्यन्त प्रयत्नशील रहे है। ग्रंथ के प्रकाशक कर अन्यों को सरलता से ज्ञान प्राप्त हो सके, उसके लिये बधाई के पात्र है। यत्र तत्र सर्वत्र से ग्रंथ की मांग भाई श्री ग्रन्थ रूप में इसकी प्रेरणा को बनाया और सुज्ञ दान दाता कस्तुरचंदजी साहेब ललवाणी के पास आ रही है।
आगे आकर इसको प्रकाशित करवा कर जिनवाणी को श्रद्धा शान्तीलाल बड़ेरा, सुधर्म संघ, ग्रीन पार्क, इन्दौर (म.प्र)
स्वरूप बनाया धर्म के मार्ग को समझकर उस पर चलने के
लिए प्रेरित किया। श्री विनय मुनिजी म.सा. 'खींचन' का 'विनय बोधि कण' समी जैन संप्रदायों के लिए उपयोगी है। दक्षिण के क्षेत्र में धर्म प्रभावना करने में उनके प्रयासों को यह ग्रन्थ समग्र ज्ञान की कुंजी है। एक एक अक्षर में ज्ञान भरा सफलता के साथ निभाया है। प्रवचन के साथ प्रश्नमंच, शिविर, हआ है। कठिन से कठिन आगमों को सरल भाषा में लिखा है स्वाध्याय युवावर्ग में संस्कार निर्माण, श्राविका वर्ग में ज्ञान जो सबकी समझ में आ रहा है।
रुचि बढ़ाना आदि अनेक प्रकार से प्रभावना की है। कर रहे है। रविन्द्र कुमार मेहता, भोपाल (म.प्र)
शत शत वंदन एवं अभिनंदन.......
चेतन प्रकाश डुंगरवाल, बेंगलोर , (कर्नाटका) 'विनय बोधि कण' को देखा। उसे देखकर ऐसा प्रतीत हुआ कि यह ग्रन्थ अध्ययन एवं सदैव अपने पास रखने के योग्य है।
“विनय बोधि कण' ग्रन्थ का अवलोकन कर, अत्यन्त प्रसन्नता श्री विनय मुनिजी के दर्शन मैने इन्दौर में किये हैं। व्याख्यान भी
की अनुभूति हुई, प्राप्त कृति कठिन श्रम एवं दृढ़ संकल्प का सुने है। स्थानक वासी कई आचार्य/संत आज भी है। पर
प्रतीक है। पुस्तक के प्रकाशन के लिए आप श्रीमान को बहुत विनयमुनिजी का ज्ञान एवं कहने की शैली सबसे अलग है।
बहुत बधाई। इस बोधि कण से भविजन अवश्य बोधित होंगे। मैंने किताब ज्ञानगच्छ के स्थानक में अध्यक्ष को दी, यह भविष्य में भी आप इसी तरह के सृजानात्मक कृत्यों से प्रभु किताब गहराई से अध्ययन कर कल्याण करने योग्य है। महावीर के मार्ग को प्रशस्त करेंगे। मानमल बांठिया, भोपाल (म.प्र)
डुंगरमल सेठिया, भीनासर, बीकानेर (राज) 282