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________________ प्रवासी-आगमन सम्बन्धी प्रश्न-१. प्रश्नाक्षरों की संख्या को ११ से गुणा कर देना चाहिए। इस गुणनफल में ७ जोड़ देने पर जो योगफल आए, उसमें ७ से भाग देना चाहिए। एक शेष रहने पर परदेशी परदेश में सुखपूर्वक निवास करता है दो शेष में आने की चिन्ता करता है, तीन शेष में रास्ते में आता है, चार शेष में गाँव के पास आया हुआ होता है, पाँच शेष में परदेशी व्यर्थ इधर-उधर मारा-मारा घूमता रहता है, छह शेष में कष्ट में रहता है और सात शेष में रोगी अथवा मृत्यु शय्या पर पड़ा रहता है। २. प्रश्नाक्षर संख्या को छह से गुणा कर, गुणनफल में आठ जोड़ देना चाहिए। इस योगफल में सात से भाग देने पर यदि एक शेष रहे तो परदेशी की मृत्यु, दो शेष रहने पर धन-धान्य से पूर्ण सुखी, तीन शेष रहने पर कष्ट में, चार शेष रहने पर आनेवाला, पाँच शेष रहने पर शीघ्र आने वाला, छह शेष रहने पर रोग से पीड़ित तथा मानसिक सन्ताप से दग्ध एवं सात शेष में प्रवासी का मरण या महाकष्ट फल कहना चाहिए। ३. प्रश्नाक्षर संख्या को छह से गुणा कर, उसमें एक जोड़ दें। योगफल में सात का भाग देने पर एक शेष रहे तो प्रवासी आधे मार्ग में, दो शेष रहे तो घर के समीप, तीन शेष रहे तो घर पर, चार शेष रहे तो सुखी धन-धान्य पूर्ण, पाँच शेष रहे तो रोगी, छह शेष रहे तो पीड़ित एवं सात अर्थात् शून्य शेष रहने पर आने के लिए उत्सुक रहता है। गर्मिणी को पुत्र या कन्या प्राप्ति का प्रश्न-१.जब यह पूछने के लिए पृच्छक आए कि अमुक गर्भवती स्त्री को पुत्र होगा या कन्या, तो गर्भिणी के नाम के अक्षर संख्या में वर्तमान तिथि तथा पन्द्रह जोड़कर नौ का भाग देने से यदि सम अंक शेष रहे, तो कन्या और विषम अंक शेष रहे तो पुत्र होता है। २. पृच्छक की प्रश्न तिथि को शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से गिनकर तिथि, प्रहर, वार, नक्षत्र का योग कर देना चाहिए। इस योगफल में से एक घटाकर सात का भाग देने से विषम अंक शेष रहने पर पुत्र और सम अंक शेष रहने पर कन्या होती है। ३. पृच्छक की तिथि, वार, नक्षत्र में गर्भिणी के अक्षर को जोड़कर सात का भाग देने से एक आदि शेष में रविवार आदि होते हैं। रवि, भौम और गुरुवार निकलें तो पुत्र, शुक्र, चन्द्र और बुधवार निकलें तो कन्या एवं शनिवार आए तो गर्भस्राव अथवा उत्पत्ति के अनन्तर सन्तान की मृत्यु होती है। ४. गर्भिणी के नाम के अक्षरों में २० का अंक, पूछने की तिथि (शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से एकादि गणना कर) तथा ५ जोड़कर जो योग आए, उसमें से एक घटाकर नौ का भाग देने पर सम अंक शेष रहे तो कन्या और विषम अंक शेष रहे तो पुत्र होता है। ५. गर्भिणी के नाम के अक्षरों की संख्या को तिगुना कर स्थान (जिस गाँव में रहती हो, उसका नाम) की अक्षर संख्या, पूछने के दिन की तिथि-संख्या तथा सात और जोड़कर सबका योग कर लेना चाहिए। इस योगफल में आठ का भाग देने पर सम शेष बचे तो कन्या और विषम बचे तो पुत्र होता है। ५४ : केवलज्ञानप्रश्नचूडामणि
SR No.002323
Book TitleKevalgyan Prashna Chudamani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2000
Total Pages226
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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