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जन्मपत्री का फल देखने की
| तृतीय भाव-भाई-बहिनों के सम्बन्ध संक्षिप्त विधि १६८ में विचार
२०६ विंशोत्तरी दशा व अन्तर्दशा का प्रयोजन १६६/ चतुर्थ भाव-पिता, ग्रह, मित्र विशोत्तरी दशा का फल १६६ आदि विचार
२०७ दशाफल के नियम, अन्तर्दशा फल १६६ पंचम भाव-सन्तान, विद्या आदि विचार २०८ ग्रहों का स्वरूप
| षष्ठ भाव-रोग आदि का विचार २०६ ग्रहों के बलाबल का विचार
सप्तम भाव-वैवाहिक सुख का विचार २०६ राशि-स्वरूप
अष्टम भाव-आयु का विचार . २०६ द्वादश भावों का संक्षिप्त फल
नवम भाव-भाग्य विचार २१० प्रथम भाव-लग्न विचार
दशम भाव-पेशा व उल्लति का विचार २१० ग्रह-राशियों के स्वभाव एवं तत्त्व
एकादश भाव-लाभालाभ विचार २१० शारीरिक स्थिति-कद, रूप-रंग ज्ञात
द्वादश भाव-व्यय विचार
२११ करने के नियम
| जन्मलग्नानुसार शुभाशुभ द्वितीय भाव-आर्थिक स्थिति विचार
ग्रहबोधक चक्र तथा धनी और दारिद्र्य योग २०५ |
२०४
२११
परिशिष्ट (३)-विवाह में मेलापक-वर-कन्या की कुण्डली गणना
ग्रह मिलान
२१२ | शतपद चक्र गुण मिलान, भकूट विचार, नाड़ी विचार २१३. | गणना गुणबोधक चक्र
सहायक ग्रन्थ-सूची २१६
२१५ २१७