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________________ विज्ञान के अनुसार सूक्ष्मतम वायु काय के जीवाणुओं का संरक्षण किस तरह/276 उद्योग-चाय की पत्तियों को पकाने, रंग देने, चमड़े पर रंग लाने में, मृत वस्तुओं के विघटन, विसर्जन में काम के हैं। 2. फन्जाई:-बिना हरित-पौधे-जीव-खंभी, सड़ने वाले आचार, सड़ने वाले फल, पशुओं के मल से कई रोगाणु के कारण बनते हैं। पच्चीस प्रकार की "पेन्सिलिन दवाईयांएन्टीबायोटिक बनाई जाती हैं। उद्योग-बेकरी, बिस्कुट, ब्रेड, खमीर से पनीर, कृषि में, खाद्य में भी, इडली, डोसे बनाने में काम आती है। एल्गी:- काई, लील, पानी के पौधे, हरित पर्ण पौधे। स्वतः अपना भोजन बना लेते हैं। खाद्य प्रोटीन बनता है। भूरी एल्गी से सोडियम, पोटेशियम, आयोडिन मिलता है। हरित पर्ण कार्बन-डाईऑक्साइड ग्रहण कर फोटोसिन्थेसिस प्रणाली से भोजन बनाते हैं, काम में लेते हैं, वृद्धि पाते हैं और ऑक्सीजन उत्सर्जित करते हैं। समुद्र की काई अतः संसार की पहली ऑक्सीजन फैक्ट्री बनी, जिससे जीवों की वृद्धि और विकास हुआ। (प्रोटोजोआ-हरित पूर्ण भी है एवं नहीं भी। वैज्ञानिकों के लिए इसे पौधे या अन्य जीव मानने में अतः समस्या है। जीव की तरह मुंह खला है। कई प्रोटोजोआ खतरनाक हैं। प्लेसमोडियम-मलेरिया-कीटाणु, मादा मच्छर लेती है, वह मानव रक्त चूसते समय इसे मानव शरीर में डाल देती है जो मलेरिया, डेंगू का कारण बनता है। ये अपनी खुराक एल्गी से पाते हैं।) वायरस- खुर्दबीन साधारण से न दिखने वाले बल्कि दस हजार या लाख गुणा बढ़ाकर दिखाने वाले से वायरस नजर आते हैं। खाली जीवित-मानव या जीवधारी के शरीर में ही बढ़ते हैं। डंडाकार भी होते हैं। रोगाणु के कारण पौधों एवं अन्य जीवधारियों में मिलता है, इनसे भोजन सड़ता है। पेट-व्याधि होती है। इकट्ठा अनाज सड़ता है। भवनों को नुकसान, दीवारों का चूना खराब हो जाता है, मकान जर्जर हो जाते हैं। जल विषाक्त हो जाता है। ऊनी, सती कपड़े गल जाते हैं, लकड़ी किताबें भी। फ्रट-जस स्वाद रहित हो जाता है। दूध चाय भी प्रभावित हो जाते हैं। चमड़ी की एलर्जी, शरीर में सर्दी, जुकाम, खांसी, ओरी, अचपड़े होते
SR No.002322
Book TitleJaino Ka Itihas Darshan Vyavahar Evam Vaignanik Adhar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChhaganlal Jain, Santosh Jain, Tara Jain
PublisherRajasthani Granthagar
Publication Year2013
Total Pages294
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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