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नशामुक्ति शिविर एक अनुभव
पूर्व बालचरों एवं गाईड-संगठन-संस्थान, जोधपुर जो हमारी संस्था है की ओर से जोधपुर के निकट ही लूणी क्षेत्र में पवित्र राजाराम आश्रम के सौजन्य से बारह दिन का नशा-मुक्ति-शिविर दिनांक 04-10-1993 से 15-10-1993 को लगाया गया, जो शत-प्रतिशत सफल रहा। उससे प्राप्त अनुभवों का निचोड़ सर्व सामान्य के हितार्थ निम्न दिया जाता है। इस शिविर में 21 अमलचियों की मानसिक एवं शारीरिक चिकित्सा,मनोविज्ञानिक चिकित्सा विभाग,नव-अध्ययन-अस्पताल जोधपुर के कुशल अनुभवी विभागध्यक्ष की देखरेख में की गई। ___ शिविरार्थी स्वतः अथवा स्वयं सेवी संस्था एवं स्थानीय प्रेरकों के प्रयासों से आये और लाये गये थे अतः मोटे रूपसे इस क्षेत्र के इस नशे के आदि लोगों को प्रतिनिधि नमूना माना जा सकता है क्योंकि आने वालों में से जाति उम्र, या अन्य किसी सामान्य कारण से छंटनी नहीं की गई थी। .. 1. नशा सेवन करने वालों में 28 से 40 वर्ष की उम्र के पचास
प्रतिशत लोग थे। इतने अधिक युवावर्ग के लोग अफीम के नशेबाज होना गहरी चिन्ता का विषय है। शेष 41 से 60 वर्ष की उम्र वाले थे। जो युवा अवस्था में ही इस नशे के आदि हो गये थे या लगभग 5 से 10 वर्षों से इस लत के शिकार हैं। कल्पना की जा सकती है कि यदि इसे शीघ्र न छोड़ा जाये तो अपने स्वास्थ्य के अधोपतन के साथ