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गुणानुराग/196
प्रायश्चित, विनय, सेवा, स्वाध्याय, त्याग, ध्यान, कायाकष्ट, आहार एवं विषय संयम कर मोक्ष प्राप्त करते हैं, जो हर व्यक्ति का परम लक्ष्य हो। भगवान शिव के ऊपर बूंद-बूंद बहती गंगा की तरह हमें सतत सुसंस्कार जीवन भर लेते रहना है, इस विधि से स्वयं एवं पर का कल्याण होगा।