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क्रमात
सक्ति नम्बर
सूक्ति शीर्षक
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व्यवहार बलवान्
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व्रती-अव्रती की हिंसा में अन्तर
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समान फल किसे ? सर्वत्र अहिंसा सम्यग्दर्शन : दीपस्तम्भ समाधि से दूर सशल्य मृत्यु से भ्रमण सर्वत्र अकेला ही अकेला समय चूकि पुनि का पछताने समता से मुक्ति सहस्र गुणधारक भिक्षु सर्प केंचुलीवत् ममत्त्व-त्याग समत्वदर्शी सर्वश्रेष्ठ मौन सत्य से सिद्धि सत्य सर्वस्व सत्य ही भगवान् सत्य, प्रकाशक सत्य ही सारभूत सत्य, सौम्य-तेजस्वी सत्य-चमत्कार सत्य-प्रभाव सत्यनिष्ठ सत्य पर प्रतिष्ठित सत्य, लंगर सत्यवचन, सत्यं शिवं सुन्दरम् सत्य कैसा है ?
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अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-6 • 260