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________________ अनुक्रम कहाँ क्या ? 90 १. समर्पण - साध्वी प्रिय-सुदर्शनाश्री २. शुभाकांक्षा - प.पू.राष्ट्रसन्त श्रीमद्जयन्तसेनसूरीश्वरजी म.सा. ३. मंगलकामना - प.पू.राष्ट्रसन्त श्रीमद्पद्मसागरसूरीश्वरजी म.सा. १४. रस-पूर्ति - प.पू.मुनिप्रवर श्री जयानन्दविजयजी म.सा. ९ ५५. पुरोवाक् - साध्वीद्वय डॉ. प्रिय-सुदर्शनाश्री ६. आभार - साध्वीद्वय डॉ. प्रिय-सुदर्शनाश्री ७. सुकृत सहयोगी श्रीमान् मीठालालजी उकचन्दजी हीराणी 98८. आमुख - डॉ. जवाहरचन्द्र पटनी ५४९. मन्तव्य - डॉ. लक्ष्मीमल्ल सिंघवी X (पद्मविभूषण, पूर्वभारतीय राजदूत-ब्रिटेन) १०. दो शब्द - पं. दलसुखभाई मालवणिया 80 ११. 'सूक्ति-सुधारस': मेरी दृष्टि में - डॉ. नेमीचंद जैन 98१२. मन्तव्य - डॉ. सागरमल जैन १३. मन्तव्य - पं. गोविन्दराम व्यास X४१४. मन्तव्य - पं. जयनंदन झा व्याकरण साहित्याचार्य १५. मन्तव्य - पं. हीरालाल शास्त्री एम.ए. १६. मन्तव्य - डॉ. अखिलेशकुमार राय २१ १७. मन्तव्य - डॉ. अमृतलाल गाँधी १८. मन्तव्य - भागचन्द जैन कवाड, प्राध्यापक (अंग्रेजी) ३७ १९. दर्पण 0000000000000000000000
SR No.002320
Book TitleAbhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
PublisherKhubchandbhai Tribhovandas Vora
Publication Year1998
Total Pages266
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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