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________________ जो मज्जु पमायहो वसि गयउ णरु पिएइ दयवजिउ 7 सो परइ अणंतउ दुहु सहइ गारएहि उव्विजिउ ॥ १३ ॥ ॥ सुंदरी ॥ मज्जे वियलिउ माणउ कामइ णियजणणि बलिबंडइ णियणत्तिणि एक्कोयर भइणि - गहगहिलिउ जिह जुत्ताजुत्तउ णवि मुणइ महिहि विलोदृइ रोवइ सकरिहि सिरु हणइ ॥ छ॥ सुहुमइ जीवउलाइ अणंतइ एयइ मजहो बिंदुहि वुत्तह सम्मुच्छिमइ ताइ सइ मारह मज्जपाणु जो णरु वित्थारह तसु ण दया विवेउ तउ संजमु दंसणु दाणु झाणु तउ उवसमु जो सम्मत्तु दयागुणु अन्जइ सो मंसासणु दूरि विवजह पिच्छंतह जं घिण उप्पायइ तं किह णिग्घिणु णियमुहि लायह 10जं खणेण दुग्गंधु पयासह रक्खिउ किमिहि रासि उन्भासह णियमंसहो समाणु जं दीसइ तं णित्तिंसु केम सह पासइ केम दया तहो माणसि अच्छइ जीउ णिएवि जो भक्खहो वंछह घृणा. 12. सूय - शुग. 17. उव्विजिउ - उद्वेजितः दुःख नीयते; उद्वेगसहितं दुखं ददाति. XIV. 1. कामइ · भुनक्ति. 2. बलिबंडइ - बलात्कारेण. 8. असणु - भक्षणं. 16. BC. पिवेइ. I7. A. उविजिउ; B. णरए; °हिं; C. °हिं उविजउ. Kadavaka 14.] I. B. मजि; कामइ; C. मज; कामई. 2. B. वलिवंडहं; C. वलिवंडए. 3. B. जह जुत्ताजुत्त वि; ई; C. गहिलउ; मुणई. 4. B. 'हिं विलुट्टइ; °हिं; 'ई; C. हिं; सकीरहि; हणई. 5. B. "ई; °ई; ई; एयहो विदुहें वुत्तई; C. ई; ई; एयहो; 'हिं; 'ई. 6. BC.°ई; ई; °ई; 7. B. दमु for तउ; C. तासु; दय. 9. B. पेच्छतहं जो; कह; C.पिच्छं. तह; उप्पाइय. I0. A. उम्भासिय; B. °हिं; उन्भासह; C. किमिरासिउ उब्भासइ. II. A. थिति; B. णित्तिंसुः सईं; तिंसु; सई पासइं. 12. A. णियवि; B. णिएवि; भक्खहुं बच्छद; C.णिएकि
SR No.002315
Book TitleChakkammuvaeso
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Modi
PublisherOriental Institute
Publication Year1972
Total Pages448
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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