SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 215
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ॥ घत्ता ॥ अवरेकहि वासरि जा पोयणपुरि वणि आविवि आवासिउ 14 ता केणवि भीएं कंपियजीवें वयरसीहु णिउ भासिउ ॥१२॥ ॥ दोहऊ ॥ " देव ण मुणियइ कोवि रिउ असरिससेण्णसहाउ सण्णज्झिवि वणि आगयउ णं रुहउ जमराउ" ॥ छ । तं आयणिवि सो णिउ कुद्धउ णं घएण सित्तउ धूमद्धउ णियसेण्णे समाणु सण्णद्धउ जामहि णिग्गउ रोसाविद्धउ ऽदाहिणंगु पुणु रायहो फंदइ लोयणजुवलु हरिसजलु संदइ कमलहि तहि फुरंति वामंगइ पुत्तागमणपयासणचंगइ इय अच्चम्भुउ मणि भावंतउ ता णिउ वणसमीवि लहु पत्तउ अह विणयंधररायहो सेण्णइ लग्गइ जुज्झहु रोसावण्णइ गय गएहि हय हयहि वियारिय सुहडहि सुहड गादु पच्चारिय 1०रह रहिएहि भग्ग अवरुप्पर रणु जावहि संजाउ णिरंतर वयरसीहविणयंधर बाणिहिता जुज्झहु लग्गा असमाणिहि विणयंधरिण जणणु रोसिद्धउ बाणिहि पाडिवि महियलि बद्धउ बाणपहारतावसंतत्तउ पुक्करंतु सिरखंडें लित्तउ ___XIII. I. असरिस etc. - असदृशप्रचुरसैन्ययुक्तः. 3. धूमद्धउ - अमिः. 4. सण्णद्धउ - सज्जो बभूव. 5. संदइ - क्षरति. 8. अह सेण्णइ - वइरसीहस्य. II. बाणिहि - बाणैः 13. सिरखंडे लित्तउ - श्रीखंडेन लिप्तः पुनः. 14. C. तं णिएवि - 13. B. अवरेकहि; C. पुरे वण आएवि. 14. A. भीए; C. जीएं. [Kadavaka 13.] I. A. केण सहाउ; B. मुणियई; 2. A. आगमणु; 3. BC. आयण्णोवि. 4. A. सेणे; रोसारिद्धउ; B. °सेण्णे; जामहिं; C. °सेणे. BC. रोसाविद्धउ. 5. A. राए फंदउ लोयणु जुवल; B. रायहो; जुयलु. C. रायहो; जल. 6. B. कमलहे तह; वामंगई; चंगइ. C. कमलहिं तह; वामंगई. 7. B. अच्चुभउ; वणि; C. अचंभउ; वणसमीविसंपत्तउ. 8. B. ई लग्गइ जुज्झई रोसाउण्णइं; C. सेण्णई लग्गइं मुज्झहों रोसाउण्णई. 9. B. 'हिं; 'हिं वियारिउ सुहडहिं; C. गएहिं; हयहिं; सुहङहिं; गाढु. 10. B. 'हिं; 'हिं. C. रहेहिं भग्गह; जामहिं. II. B. 'वाणिहिं; जुज्झहं; C. वाणिहिं; लग्ग, 12. B. विणयंधरिण वाणिहिं पाडेवि महियले. 13. C.
SR No.002315
Book TitleChakkammuvaeso
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Modi
PublisherOriental Institute
Publication Year1972
Total Pages448
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy