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________________ जिह साहु दुछिवि विहिउ पहाणु जिह तासु गंधपूयाविहाणु जिह देवलोयगइ जेम जाय मयणावलि दुक्खविणट्ठछाय 14 सच्चरियं चिरजा ४० ॥ घत्ता ॥ सुहमइचरियं सुणिवि ताइ जम्मंतरु दुरियसहायउ लहु संभरिउ निरंतरु ॥ १२ ॥ १३ ॥ रचिता ॥ 66 तं जाणेवि ताइ चिरदुक्किउ एवहि तं पि मज्झु संजायउ अह अग्गइ किं कीरु पपइ सूइए पुणु पउत्तु "कहि णिवसइ सो वज्जरइ " कंति पुरयट्ठिय मुणिदुग्गंछणाइ दुग्गंधिणि सत्तदिणाइ जिणेसर देवह हवण करेवि सुअंधहि दव्वहि पुज्जइतिहि संझहि सुहभाविणि Joता देहहो दुग्गंधु विहहह "" णियहिययंमि चिंतियं ण हुकेणवि णित्तियं ॥ छ ॥ सुहमइचरिउ सकंतहि संप एवहि सा सुहमइ य महासइ " किं णणियहि दुक्कम्माहिट्टिय इह संजाई णिवइणियंबिणि जइ संपइ फणिणरसुरसेवह रवि विलेवणु परिमलभव्वहि मयणावलि सीहद्धयकामिणि एयहि परिमलु स्रुद्धु पयद्दइ' "" XIII. 3. सुहमइचरिउ - शुभमतिचरी पूर्वं, या इदानीं मदनावली जाता. 4. Text य - B. हि - स्फुटं; सुहमइ - सा शुभमति राज्ञी 13. गयदंसणु - अदृश्य; तं - शुकयुगलं. C. सुहमइए; सहिया. II. B. जह... जह; C. जह... जह; न्हाणु. 12. B. जह; C. जह देवलोइ गइ. 13. B. सुणेवि ताई; C. सुणेवि ताए जम्मंतरई. 14. C. निरंतरु. [ Kadavaka 13. ] 1. B. ताएं ••• हिययम्मि; C. ताए. 2. B. एवहिं. 3. BC. सकत हैं. 4. A. सुहनइहे; B. कहिं ... एवहिं सा सुहमइहि; C. एवहिं; सुहमइय 5. A. कंत्ति; किंण्ण; B. किंण; C. बजरइ 6. A. नियंव्विणि 8. B. ण्हवणु... सुगंधहिं दव्वहिं; C. न्हवणु; परिमलु भव्वहिं. 9. A. तिह सातहिं सुइ; B. सुह भामिणि; C. संज्झहिं... भाषिणि. I0. B. एयहिं;
SR No.002315
Book TitleChakkammuvaeso
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Modi
PublisherOriental Institute
Publication Year1972
Total Pages448
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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