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________________ जं सरीरु पियतणुहि सुहावउ एम्वहि तंमि जाउ असुहावउ को संभरमि कवणु आराहमि किं जलंतु वइसाणरु साहमि जं सरीरु अणुरायहो कारणु तंमि दिहु थुक्कारुच्चारणु ॥ घत्ता ॥ चिरचरियहो तहो विप्फुरियहो एहु पहाउ पहुत्तर 15 तं किजइ अवसु सहिजइ कइ दियहाइ णिरुत्तउ” ॥११॥ ॥ रचिता॥ अप्पउ धीरवेवि जा अच्छा सा पल्लंकि सुत्तिया रयणि हि पढमसमइ दुहसल्लिय मउलियकमलणेत्तिया ॥ छ । ता भवणगवक्खंतरि णिसण्णु सुयमिहुणु णियच्छइ अइरवण्णु सूइए तहि पभणिउ णिययणाहु आलिंगिवि णियड करेवि गाहु 5"णिसि पढमसमइ मणि सुक्खहेउ कहि किंपि कहाणउ दयसमेउ" मयणावलि तं णिसुणेवि हिह मणि चिंतवेइ “महु कावि इह इह कीरी जं पुच्छइ सकंतु अक्खाणउ सुहयरु णेहवंतु महु होसइ दुक्खविणोउ एण" ता कहणहो पारंभियउ तेण उवकप्पिउ चरिउ “कहिज्जमाणु आयण्णहि भामिणि तो सुठाणु" ०महिसेहरु जिह सुहमइए सहिय अहावय गउ जिणबिंबमहिय ___XII. 8. °विणोउ - विनाशं, स्फेटनं. 9. उवकप्पिउ - दृष्टांतकथानकं राज्ञीनिमित्तं 10. अट्ठावय - कैलासे. पियदसणमत्त वि; C.णिग्धण; दंसणमित्त. II. C. तणुहे. 12. A. वयसाणरु. 14. BC. चिर. दुरियहो; A. एहउ for पहाउ. 15. C. दियाहई for दियहाइ. [Kadavaka 12.] I. B. जामच्छइ; पल्लंकि; C. पल्लंकि सुत्तिय. 2. A. °सल्लिया; B. रयणेहिं; सल्लिय; C. रयणिहिं. 3. A. भुवण'. 4. A. सूइय णियडू; B. सूएएं तहिं पभणिउं... आलिंगेवि णिविडु; C. सूइए...णिबिडु. 5. B. मण'; कहाणउं. 6. A. विट्ठ; चिंत्तवेइ; C. मणे. 7. A. पुंछइ; B इह for इय in A.; अक्खाणउं. 8.A. होस दुक्खु; कह कह for कहणहो B. तेण for एण...ता कहणहो पारंभियउ; C. दुखबिणास तेण...ता कहणहं पारंभियउ. 9. A. सुट्ठाणु; B. आयण्णिहि; C. आयण्णहिं. 10. A. सुहमइए अट्ठाव्वय; B. जह सुहमइए...अट्ठावइ,
SR No.002315
Book TitleChakkammuvaeso
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Modi
PublisherOriental Institute
Publication Year1972
Total Pages448
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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