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________________ थेरेहिं सद्धिं विउलं तहेव दुरूहइ । नवरं सोलस वासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता कालमासे कालं किच्चा उड् चन्दिमसोहम्मीसाण [ जाव ] आरणच्चुए कप्पे नवयगेवेज्जविमाणपत्थडे उद्धं दूरं वीईवइत्ता विजयविमाणे देवत्ताए उववण्णे । तए णं थेरा भग- 5 वंतं जालिं अणगारं कालगयं जाणित्ता परिणिव्वाणवत्तियं काउस्सग्गं करेंति । करित्ता पत्तचीवराई गेण्हंति । तहेव उत्तरंति [ जाव] इमे से आयारभंडए 'भंते' त्ति भगवं गोयमे [जाव] एवं वयासी। "एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी जाली 10 नामं अणगारे पगइभदए । से णं जाली अणगारे कालगए कहिं गए, कहिं उववण्णे ?।" "एवं खलु गोयमा ! ममं अंतेवासी तहेव जहा खंदयस्स [ जाव ] कालगए उडू चंदिम [जाव] विजए विमाणे देवत्ताए उववण्णे।" 15 - "जालिस्स: णं भंते ! देवस्स केवइयं' कालं ठिई पण्णत्ता ?।" writes एवं जा चेव खंदगवत्तव्बया etc. Barnett has गुणरयणं तवोकम्मं जहा खंदयस्स । एवं जा चेव खंदयस्स वत्तव्वया etc. (A) जं चेव (C) जावेव (D)(E) जाव 3. Barnett दुरुहइ AC दुरुहति BDE दुरूहति 4. Barnett. वीइवइत्ता ABCD वीतिवइत्ता E वीतीवतित्ता 5. Barnett. ABCD उत्तरंति E ओयरंति 6. It is remarkable that MSS. awefully blunder even in spelling जालिस्स A जारिस B. जाणिस CE जालिस्स D जालिस 7. Barnett ABDE केवइ (ति) यं C केवईयं ।
SR No.002312
Book TitleAntagadadasao and Anuttarovavaidasao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Modi
PublisherGurjar Granth Ratna Karyalay
Publication Year1932
Total Pages352
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_antkrutdasha, & agam_anuttaropapatikdasha
File Size14 MB
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