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भावपूर्ण अनुमोदना
श्री सिद्धिचन्द्र - उपाध्याय विरचित "भानुचन्द्रगणिचरित" ना प्रकाशननो संपूर्ण लाभ
परमशासनप्रभावक पूज्यपाद् आचार्यदेव श्रीमद् विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजानी दिव्यकृपाथी "श्री त्रिभुवनतारक तीर्थाधिराज चातुर्मास आराधक समिति, पालीताणा" तरफथी ज्ञाननिधिमाथी लेवामां आवेल छे.
समितिना ज्ञाननिधिना आ सदुपयोगनी भूरि भूरि अनुमोदना करीए छीए !
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लि.. श्री जिनशासन आराधना ट्रस्ट (मुंबई)
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