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गुरुराज को सदा मोरी वंदना
* दिव्यरूपा * सिद्धांतमहोदधि, सुविशाळगच्छनिर्माता
स्व. पूज्यपाद् आचार्यदेव श्रीमद् विजयप्रेमसूरीश्वरजी महाराजा वर्धमान तपोनिधि, गच्छाधिपति स्व. आचार्यदेव श्रीमद् विजयभुवनभानुसूरीश्वरजी महाराजा समतासागर, चारित्रैकनिष्ठ पंन्यासजी
श्री पद्मविजयजी गणिवर
*शुभाशिष * सिद्धांतदिवाकर परमगीतार्थ आचार्यदेव श्रीमद् विजयजयघोषसूरीश्वरजी महाराजा
*प्रेरक-मार्गदर्शक *
वैराग्यदेशनादक्ष प.पू. आचार्यदेव श्रीमद् विजयहेमचंद्रसूरि म.