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विधि कृदन्त किया जाना विधिकृ
कायव्व
113, 154
चाहिये
बोद्धव्व
142
समझा जाना विधिकृ अनि चाहिये जानना चाहिये विधिकृ. छोड़ देना विधिकृ अनि
मुणेयव्व वज्जिज्ज
160 156
चाहिये
विण्णेय
विधिकृ अनि
111
समझा जाना चाहिये
वर्तमान कृदन्त करता हुआ वक विचार करता वकृ अनि
कुव्वंत चिंतिज्ज
152
98
हुआ
वकृ
172
जाणंत पस्संत पेच्छंत
जानता हुआ देखता हुआ देखता हुआ
172
167
(168)
नियमसार (खण्ड-2)