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णिच्चलठियइं
185
सुमिट्ठाहार
188
दुजणउवयार
गुणसारा कम्मविणिम्मिय कम्मविसेसु
= 188 = 189 = 190
पृष्ठ संख्या
पाठ 17 = सावय
धम्मदोहा सायरगयहिं भवजलगयह मणवयकायहिं
= 193
= 193
= 193
= 194
पसुधणधण्णइं . परिमाणपवित्ति
= 194
पत्थरणाव
= 195
उवहिणीरु दुक्खसयाई इंधणकज्जें
= 198
= 199
अपभ्रंश व्याकरण : सन्धि-समास-कारक (27)
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