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________________ 393 शान्ति-शतकशास्त्रवार्ता-समुच्चयशिशुपाल-वध (महाकाव्य)श्वेताश्वतर उपनिषद्षट्खंडागम षड्दर्शन-समुच्चय (सटीक) षड्दर्शन-रहस्य श्रीनंदीसूत्र-टीका गोपाल मन्दिर गली, वाराणसी, १९६४ सिंहलन मिश्री, संपा. बापूलाल मांगीलाल दभोई, सूरत, वि.सं. २०२९ महाकवि माघ, निर्णय सागर प्रेस, बुंबई, १९५७ मोतीलाल जालान, गीता भाष्य-सहित, गीता प्रेस, गोरखपुर आचार्य भूतबलि-पुष्पदन्त, संपा. पं. फूलचन्द्र सिद्धान्तशास्त्री, जीवराज जैन ग्रन्थमाला, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर, १९९२ आचार्य हरिभद्रसूरि, संपा. डॉ. महेन्द्रकुमार जैन, भारतीय ज्ञानपीठ, प्रकाशन कार्यालय, दुर्गापुर कुंड, वाराणसी, १९७० आचार्य हरिभद्रसूरि, संपा. डॉ. महेन्द्रकुमार जैन, भारतीय ज्ञानपीठ, प्रकाशन कार्यालय, दुर्गापुर कुंड, वाराणसी, १९७० मलयगिरिकृत टीका, आगमोदय समिति, जवेरी बाजार, मुंबई, १९२४ संपा. कान्तिलाल जगजीवन गांधी, जसवंतलाल शान्तिलाल शाह, सुधर्म प्रचार मंडल, गुजरात, २००० सिद्धसेन दिवाकर, गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद, १९२१ संकलनकर्ता- पं. बेचरदास दोशी, सर्व सेवासंघ प्रकाशन, वाराणसी, १९७५ आचार्य हरिभद्रसूरि, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली कुंदकुंदाचार्य, संपा. मोहनलाल सिद्धांत शास्त्री, राजचंद्र जैन शास्त्रमाला, बंबई, १९१९ अनुवादक युवाचार्य मधुकरमुनिजी म.सा., संपादक युवाचार्य श्री. मिश्रीमलजी म.सा. 'मधुकर', श्री आगम प्रकाशन समिती, ब्यावर, १९८२ आचार्य हरिभद्रसूरि, अमृतसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, दौलतनगर,मुंबई १९७३ माधवाचार्य, भाष्यकार-प्रो. उमाशंकर शर्मा, चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी, १९६४ श्रीबृहद् जैन थोक-संग्रह सन्मतितर्क-प्रकरण समणसुत्त समरादित्यकथा समयसार ‘समवायाङ्गसूत्र संबोध-सत्तरी सर्वदर्शन-संग्रह
SR No.002299
Book TitleJain Darm Me Karmsiddhant Ek Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhaktisheelashreeji
PublisherSanskrit Prakrit Bhasha Bhasha Vibhag
Publication Year2009
Total Pages422
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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