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१३३. भगवतीसूत्र (संपा. युवाचार्य मधुकरमुनि), श्रु. १, उ. ८ सूत्र - ६५ से ६९ १३४. व्याख्याप्रज्ञप्ति सूत्र, श. ७ उ. १ श. ८ तथा श. १७- उ. १ १८/८
(संपा. युवाचार्य मधुकरमुनि), श्रु. १ १३५. सूत्रकृतांगसूत्र (संपा. युवाचार्य मधुकरमुनि), श्रु. १/१२/१५ १३६. दशवैकालिकसूत्र (संपा. युवाचार्य मधुकरमुनि), अ. ४, गा. ८/९ १३७. आचारांग सूत्र अ. ३, उ. २/३७१ तथा अ. ३ उ. ३ सूत्र ३७८ १३८. कर्मग्रंथ, भाग- १ भूमिका (पं. सुखलालजी), पृ. २६ १३९. आचारांग सूत्र, श्रु. १ अ. २ उ. ६; (युवाचार्य मधुकरमुनि),१.३.१ १४०. इष्टोपदेश (आचार्य पूज्यपाद), पृ. ४१ १४१. उत्तराध्ययनसूत्र (संपा. युवाचार्य मधुकरमुनि), अ. ३२ / गा. ९९ १४२. भगवदगीता (डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन), अ. १८/ श्लो. १७ १४३. गीता रहस्य (लोकमान्य तिलक), ४/१६ १४४. प्रवचनसार (कुंदकुंदाचार्य), ३/१७ १४५. भगवदगीता (डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन), अ. १८/ श्लो. २३ १४६. गीता (गीताप्रेस गोरखपुर), ३/७ १४७. बौद्धदर्शन तथा अन्य भारतीय दर्शन (डॉ. सागरमलजी), अ. १ १४८. बौद्धदर्शन तथा अन्य भारतीय दर्शन (डॉ. सागरमलजी), अ. १ १४९. जैन कर्मसिद्धांत एक तुलनात्मक अध्ययन, (डॉ. सागरमल जैन), पृ. ५० १५०. उत्तराध्ययनसूत्र (संपा. युवाचार्य मधुकरमुनि), अ. २३ / गा.७१, ७३ १५१. जैन कर्मसिद्धांत एक तुलनात्मक अध्ययन, (डॉ. सागरमल जैन), पृ.३५ १५२. शुभ पुण्यस्य- तत्त्वार्थसूत्र (उमास्वाती जी), अ. ६/३ १५३. जैन कर्मसिद्धांत एक तुलनात्मक अध्ययन, (डॉ. सागरमल जैन), पृ. ३८ १५४. व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र (संपा. युवाचार्य मधुकरमुनि), श. ७ उ. १० १५५. स्थानांगसूत्र (संपा. युवाचार्य मधुकरमुनि), स्थान ९ उ. ३, पृ. ७८७ १५६. सुत्तागमे (ठाणे) (सं पुप्फ भिक्खु), भाग- १ ठा. ९ पृ. २९७ १५७. जैन कर्मसिद्धांत एक तुलनात्मक अध्ययन (डॉ. सागरमल जैन), पृ. ३८ १५८. भगवदगीता (डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन), अ. १८/ श्लो.१७ १५९. धम्मपद (राहल सांकृत्यायन), गा. २४९ १६०. भगवदगीता (डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन), अ. १७/ श्लो. २५ १६१. भगवदगीता (डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन), अ. १८/ श्लो. १४ १६२. धम्मपद (राहुल सांकृत्यायन), गा. १/१