SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 95
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६२) ६३) ६४) ६५) ६६) ६७) ६८) ६९) ७०) ७२) ७३) उत्तराध्ययनसूत्र : (युवाचार्य मधुकर मुनिजी) अ. २१ अंतकृत दशा सूत्र : (युवाचार्य मधुकर मुनि) वर्ग ८- अ १ पृ. १४६- १५३ अनुत्तरोपपातिक सूत्र : (युवाचार्य मधुकर मुनि) प्रश्नव्याकरण सूत्र : (आ. अभयदेव सूरी) वृत्ति के प्रारंभ में प्रश्नव्याकरण सूत्र : प्रस्तावना पृ. १९,२० औपपातिक सूत्र (आ. देवेंद्रमुनिजी महाराज) प्रस्तावना जैन आगम साहित्य मनन और मिमांसा : (देवेंद्र मुनि शास्त्री) पृ. २७१ व्यवहार भाष्य : उद्देशक -३, गाथा - १७३ - १७६ आवश्यक नियुक्ति : ७७७ विशेषावश्यक भाष्य : २२९५ क) निशीथ भाष्य : ५९४७ ख) केनोनिकल लिटरेचर - पृ. ३६ दशवैकालिक सूत्र : (युवाचार्य मधुकर मुनि) - अ. ४, गा.७,८ दशाश्रुत स्कंध - चौथी दशा, सूत्र - १-८- पृ. २०-२१ जैन आगम साहित्य मनन और मीमांसा : (आ. देवेंद्र मुनि शास्त्री) पृ. ३८८ जैनागम दिग्दर्शन : (डॉ. मुनिनगराज) पृ. १७०,१७१ क) अभिधान राजेंद्र कोश : भाग १ पृ. ३८७ ख) आउर पच्चक्खाण पइण्णय : गाथा ७०, पृ. २३ (पुस्तक -आगमदीप) क) आउर पच्चक्खाण पइण्णयं : गा. ७०, पृ.२३,२४ (पुस्तक - आगम दीप) ख) उत्तराध्ययन सूत्र : अ २९/२३ पृ. ४९९ संस्कृत हिन्दी कोश (वामन शिवराम आपटे) पृ. ६९१ क) जैन आगम : दिग्दर्शन (डॉ. नगराज) पृ. १४५, १४८ ख) तत्वार्थ सूत्र : (उमास्वाति) सू. ९/७ पृ. २११ ग) भगवती आराधना:गा - १७१० - १८६९ पृ. ७३-८३ चउसरणं प्रकीर्णक:- गाथा ११, पृ. १४ आउरपच्चक्खाण प्रकीर्णक:- गाथा २६ पृ. २० ७६) ७८) ७९) ८०) ८१) ८२) (६४)
SR No.002297
Book TitleJain Dharm ke Navkar Mantra me Namo Loe Savva Sahunam Is Pad ka Samikshatmak Samalochan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorCharitrasheelashreeji
PublisherSanskrit Bhasha Vibhag
Publication Year2006
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy