SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 506
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ * महा सुद १० गुरुवार दिनांक ३१-१-८५ को श्री उपधान तप की माला का तथा जलयात्रा का जुलूस-वरघोड़ा रथ-हाथी-घोड़ेमोटरों तथा बेन्ड सहित सुन्दर निकला। श्रीउपधानतप की मालारोपण महा सुद ११ शुक्रवार दिनांक १-२-८५ को प्रातः परम शासनप्रभावक पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म० सा० की पावन निश्रा में नाण समक्ष पहिला आदि उपधान करने वाले ४१ भाई-बहिनों को श्रीसंघ के अनेरे अनुपम उत्साह के साथ विधिपूर्वक माला पहिनाई। * 'श्रीसिद्धचक-नवपदस्वरूपदर्शन' तथा 'सार्थ श्रीश्रमरणक्रियाना सूत्रो' दोनों पुस्तकों का विमोचन भी हुआ। * श्रीसंघ की ओर से तथा श्रीउपधान करने वाले आराधकों की ओर से भी उपधान कराने वाले संघवी श्री प्रोटरमलजी भूताजी आदि का बहमान हा तथा अभिनन्दन-पत्र दिया गया। उनकी अोर से प्राराधकों को विशेष प्रभावना दी गई। श्रीसंघ की नोकारसी भी की गई। संघवी श्री अोटरमलजी भूताजी की ओर से श्रीउपधान तप के मालारोपण प्रसंग के साथ दशाह्निका महोत्सव का कार्यक्रम पूर्ण हुआ । महा सुद १२ शनिवार दिनांक २-२-८५ को श्रीउपधान तप आराधना करने वालों का पारणा भी आनंद से हुआ। संघवी श्री प्रोटरमलजी भूताजी ने श्रीउपधान तप की आराधना उदार भावना से करवाकर अपनी लक्ष्मी का उत्तम स व्यय किया। ( 117 )
SR No.002288
Book TitleSiddhachakra Navpad Swarup Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandir
Publication Year1985
Total Pages510
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy