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आयंबिल का पच्चक्खारण
उग्गए सूरे नमुक्कार सहियं पोरिसिं साढ पोरिसिं सूरे उग्गए पुरिमड्डु, वड्डु, मुट्ठिसहियं पक्चक्खाइ उग्गए सूरे चउव्विहंपि आहारं असणं, पाणं, खाइम, साइमं, अन्नत्थरणा भोगेणं, सहसा गारेणं, पछन्न कालेणं, दिसा मोहेणं, साहू वयणेणं, महत्तरागारेणं, सव्व समाहि वत्तियागारेरणं आयंबिल पच्चक्खाई, अन्नत्थणा भोगेणं, सहसागारेणं, लेवा लेवेणं, गिहत्थ संसणं उक्खित्त विवेगेणं, परिट्ठावणिया गारेणं, महत्तरागारेण सव्वसमाहि वत्तियागारेणं, एगासणं पच्चक्खाइ, तिविहंपि प्राहारं असणं, खाइमं साइमं, अन्नत्थरगा भोगेरणं सहसागारेणं, सागारियागारेणं, आउटरण पसारेणं, गुरु
भट्ठाणेणं, पारिट्ठावणिया गारेणं महत्तरागारे, सव्व समाहि वत्तियागारे, पाणस्स लेवेण वा अलेवेण वा श्रच्छेण वा बहुलेवेण वाससित्थे वा सित्थेण वा वोसिरई ॥
आयंबिल कर लेने पर मुखशुद्धि करके उठते समयतिविहार का पच्चक्खारण
दिवस चरिमं पच्चक्खाई, तिविहंपि श्राहारं असणं खाइम साइमं अन्नत्थणा भोगेणं सहसागारेणं महत्तरागारेणं सव्व समाहि वत्तिया गारेण वोसिरई ॥
संथारा पोरसी पाठ
* निसीहि निसीहि निसीहि, नमो खमासमरणारणं गोयमाईणं महामुखी ||
* इनके बाद १ नवकार मंत्र व एक वक्त करेमि भंते कहके फिर दूसरी वक्त 'निसीहि' का पाठ कहकर नवकार व करेमि भंते सूत्र कहना. फिर तीसरी वक्त ‘निसीहि' कहकर नवकार मंत्र, करेमि भंते कहके तीन वक्त पूरा कहना. पीछे दूसरी गाथाएं कहने की हैं ।
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