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________________ शासन प्रभावना के शुभ कार्य : १. वि. सं. २०२० में आपने गिरिराज श्री शत्रुजय महातीर्थ का भव्य 'संघ' बसों द्वारा निकाला जिसमें ६०० यात्रियों ने लाभ लिया। इस संघ की व्यवस्था उत्तम थी। सभी ने संघपति और उनके परिवार के सेवा और स्वामिवात्सल्य की प्रशंसा की। २. वि. सं. २०२३ जेठ सुद ७ को तखतगढ़ में विशालकाय रम्य श्री आदिनाथ जिनालय की प्रतिष्ठा में ध्वजा का चढ़ावा लिया। ३. वि. सं. २०३७ में विश्वविख्यात तीर्थराज श्री शत्रुजय गिरिराज का छरी पालित संघ जैनधर्म दिवाकर प. पू. आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशीलसूरीश्वरजी म. सा. की मंगल निश्रा में भव्य रूप में निकला-जिसके १६ संघवियों में आप भी एक थे। ४. वि. सं. २०४१ में प. पू. जैनधर्मदिवाकर आचार्य भगवन्त श्रीमद विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. की मंगल छत्रछाया में श्री उपधान तप का भव्य आयोजन किया और निजलक्ष्मी का सव्यय कर सुन्दर लाभ लिया। प्रतिष्ठान : शा प्रोटरमल कांतिलाल एण्ड कं० कल्याण बिल्डिंग नं० २, सदाशिव क्रोसलेन, बम्बई-४००००४ फोन : ३८७४२३ ( १५ )
SR No.002288
Book TitleSiddhachakra Navpad Swarup Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandir
Publication Year1985
Total Pages510
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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