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________________ उत्तराध्ययनसूत्र में भगवान् जिनेन्द्र ने छत्तीस अध्ययनों का उपदेश दिया है। अध्ययन पद का निक्षेपपूर्वक व्याख्यान करते हुए नियुक्तिकार कहते हैं कि नाम, स्थापना, द्रव्य और भाव इन चार द्वारों से अध्ययन का विचार हो सकता है। भावाध्ययन की व्याख्या करते हुए कहा है कि प्रारब्द्ध तथा बध्यमान कर्मों के अभाव से आत्मा का जो अपने स्वभाव में आनयन अर्थात् ले जाना है वही अध्ययन है। जिससे जीवादि का पदार्थों का अधिगम अर्थात् परिच्छेद होता है अथवा जिससे अधिक नयन अर्थात् विशेष प्राप्ति होती है अथवा जिससे शीघ्र ही अभीष्ट अर्थ की सिद्धि होती है वही अध्ययन है। चूंकि अध्ययन से अनेक भवों से आते हुए अष्ट प्रकार के कर्मरज का क्षय होता है इसीलिए उसे भावाध्ययन कहते हैं। इसके बाद आचार्य श्रुतस्कन्ध का निक्षेप करते हैं क्योंकि उत्तराध्ययनसूत्र श्रुतस्कन्ध है। तदनन्तर आचार्य छत्तीस अध्ययनों के नाम गिनाते हैं तथा उनके विविध अधिकारों का निर्देश करते हैं। आगे प्रत्येक अध्ययन का विशेष व्याख्यान किया गया है। क्षुत्पिपासा आदि परीषहों की विशेष व्याख्या करते हुए नियुक्तिकार ने विविध उदाहरणों द्वारा यह समझाया है कि श्रमण को किस प्रकार परीषहों को सहन करना चाहिए। इस प्रसंग में आचार्य ने जैन परम्परा में आने वाली अनेक महत्त्वपूर्ण एवं शिक्षाप्रद कथाओं का संकलन किया है। आगे नियुक्तिकार ने उदाहरणों की सहायता से यह बताया है कि मनुष्यभव की प्राप्ति कितनी दुर्लभ है, मनुष्य भव प्राप्त हो जाने पर भी धर्मश्रुति कितनी कठिन है, धर्मश्रुति का लाभ होने पर भी उस पर श्रद्धा करना कितना कठिन है, श्रद्धा हो जाने पर भी तप और संयम में वीर्य अर्थात् पराक्रम करना तो और भी कठिन है। 49. उत्तराध्ययनवृत्ति नेमिचन्द्रसूरिकृत ___नेमिचन्द्रसूरि का दूसरा नाम देवेन्द्रगणि है। इन्होंने वि.सं. 1129 में उत्तराध्ययनसूत्र पर एक टीका लिखी।इस टीका का नाम उत्तराध्ययन-सुखबोधवृत्ति है। यह वृत्ति वादिवेताल शान्तिसूरिविहित उत्तराध्ययन-शिष्यहितावृत्ति के आधार पर लिखी हुई है। वृत्ति की सरलता एवं सुबोधता को दृष्टि में रखते हुए इसका 340 प्राकृत रत्नाकर
SR No.002287
Book TitlePrakrit Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherRashtriya Prakrit Adhyayan evam Sanshodhan Samsthan
Publication Year2012
Total Pages430
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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