________________
70. जिनेन्द्र - पाइय-जं-पज्जं संगहो, जबलपुर, 2011 71. जैन, हीरालाल - भारतीय संस्कृति में जैनधर्म का योगदान, राजस्थान सरकार,
जयपुर, 2003 72. जैन, हीरालाल - नयनन्दी रचित सुदंसणचरिउ, वैशाली, 1970 73. टाटिया, नथमल - विशेषावश्यक भाष्यं, वैशाली, 1972 74. डागा, तारा, प्राकृत साहित्य की रूपरेखा, जयपुर, 2005 75. तगारे, जी.वी. - हिस्ट्रोरिकल ग्रामर ऑफ अपभ्रंश, बम्बई, 1946 76. तोमर, रामसिंह - प्राकृत-अपभ्रंश का साहित्य और उसका हिन्दी साहित्य
पर प्रभाव, शान्तिनिकेतन, 1951 77. दुलीचन्द जैन - जिनवाणी के मोती, वाराणसी, 2000 78. दोशी, बेचरदास - जैन साहित्य का वृहत् इतिहास, भाग-1, वाराणसी,1989 79. दोशी, बेचरदास - प्राकृत मार्गोपदेशिका, अहमदाबाद, 1968 80. नायकर, चन्द्रमौलि एस. - सट्टक लटरेचर-ए स्टडी, धारवाड़ 1986 81. नाहटा, भंवरलाल - अलंकारदप्पण, वाराणसी, 2001 82. नाहटा, भंवरलाल - ठक्कुर फेरु ग्रन्थावली, वैशाली, 1996 83. पण्डित, प्रबोध - प्राकृत भाषा, वाराणसी, 1954 84. पाठक, विश्वनाथ - वज्जालग्गं (जयवल्लभ), वाराणसी, 1984 85. पाठक, विश्वनाथ - गाथासप्तशती (हाल), वाराणसी, 1995 86. पाण्डे, राजनारायण - महाकवि पुष्पदन्त, आगरा, 1963 87. पाण्डेय, श्रीप्रकाश - सिद्धसेन दिवाकर-व्यक्तित्व एवं कृतित्व, वराणसी,2003 88. पाण्डेय, हरिशंकर-प्राकृत रूप रचना कोश,न्यू भारतीय बुककारपोरेशन, दिल्ली,2001 89. पाण्डेय, हरिशंकर - प्राकृत एंव जैन आगम साहित्य, लाडनूं, 2000 90. पिशल, रिचर्ड - ग्रामाटिक डेर प्राकृत-प्राखेन, जर्मनी हिन्दी अनुवाद- प्राकृत
. भाषाओं का व्याकरण, (हेमचन्द्र जोशी), पटना, 1958 91. पोद्दार, आर.पी. - एन. इन्ट्रोडक्शन टू कर्पूरमंजरी, वैशाली, 1974
गांधीनगर, 1963
4000 प्राकृत रत्नाकर