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इस प्राकृत रत्नाकर ग्रन्थ को विश्वकोश "इनसाइक्लोपीडिया" के पैटर्न पर तैयार किया गया है। इसमें अकारादि वर्णक्रम से प्राकृत साहित्य के प्रमुख ग्रन्थों, ग्रन्थकारों, प्राकृत भाषाओं, प्राकृत साहित्य में अंकित भारतीय जन-जीवन और समाज, लोक जीवन के विभिन्न पक्षों, प्राकृत की प्रमुख संस्थाओं, विभागों, प्राकृत के सम्पादकों, विद्वानों आदि के विषय में संक्षिप्त, किन्तु महत्त्वपूर्ण जानकारी सरल और ललित हिन्दी भाषा में प्रस्तुत की गयी है। प्राकृत भाषा और साहित्य के प्रतिष्ठित प्राध्यापक और वरिष्ठ विद्वान् प्रोफेसर प्रेम सुमनजैन ने प्राकृत का यह एक आधार विश्वकोश तैयार किया है। इसमें अब तक प्रकाशित प्राकृत के ग्रन्थों और शोधकार्यों को भी परिशिष्ट में देकर विश्वकोश को पूर्ण बनाने का प्रयत्न किया गया है।लेखक का प्रयत्न सराहनीय है।आशा है, यह ग्रन्थ प्राकृत प्रेमियों, शोधार्थियों, विद्वानों सभी के लिए उपयोगी साबित होगा।
- प्रकाशक