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विषय
पृष्ठ कुंतला रानी
१२९ आज्ञा पालन का महत्व
१२९ द्रव्यस्तव-भावस्तव का फल १३० दर्शन पूजन का फल तीन संध्या की पूजा का फल १३१ विधि-बहुमान
१३२ अनुष्ठान के चार भेद
१३२ धर्मदत्त का कथानक
१३४ जिनमंदिर की उचित चिंता
१४४ ज्ञान आशातना जिनाशातना गुरु आशातना देवद्रव्यादि की व्याख्या
१४९ सागर सेठ की कथा देवद्रव्य की उधारी का फल ऊंटनी लक्ष्मीवती की कथा
१६२ गृहमंदिर के पदार्थ का उपयोग कैसे करना? स्व द्रव्य से जिनपूजा एवं पदार्थ रक्षण १६४ प्रत्याख्यान एवं गुरुवंदन
१६६ पच्चक्खाण का फल
१६८ सद्गुरु विनय
१६८ उपदेश कैसे सुनना ? प्रदेशी राजा की कथा थावच्चापुत्र
११ धर्माचरण
१७३ सुखशाता पूच्छा
१७४ सुपात्र दान
१७४ ज्ञानार्जन राजादि का कार्य
१७७ धनार्जन कैसे करना? बुद्धि का व्यापार सेवा भिक्षा व्यापार पुत्रशिक्षा उधार
विषय भावड़ सेठ का कथानक आभड़ सेठ भाग्यवान का आश्रय विवाद से दूर रहना । न्याय करने में विवेक परिणामानुसार सम्मान नफा कितना करना? अन्याय न करना हेलाक सेठ की कथा विसेमिरा पाप के भेद पुण्य-पाप की चतुभंगी सत्य वक्तव्य मित्र कैसा करना? द्रव्य संबंध --........ साक्षी न करने का फल साक्षी रखने का लाभ लेखा शीघ्र करना राज्याश्रय व्यापार कहां करना? भाग्यशाली मनोरथ ऋद्धि के भेद नित्य धर्म में द्रव्य व्यय का विशेष फल अति लोभ न करना धर्म-अर्थ-काम आयानुसार व्यय करकसर विद्यापति धनार्जन न्यायमार्ग से ही शुद्धाचरण का फल सेचनक रंक श्रेष्ठी देशादि विरुद्ध कार्य का त्याग वृद्धा स्त्री सुनी हुई बात उचिताचरण
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