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श्री शत्रुजयतीर्थाधिपति श्री आदिनाथाय नमः
प्रभु श्रीमद्विजयराजेन्द्रसूरीश्वराय नमः
श्री रत्नश्ोखरसूरीश्वरजी विरचित श्राद्धविधिप्रकरणम् विधिकौमुदी वृत्ति
का भाषांतर
: दिव्याशीष :
आचार्यदेव श्री विद्याचंद्रसूरीश्वरजी मुनिराज श्री रामचंद्रविजयजी
__ : संपादक : मुनिराज श्री जयानंदविजयजी
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