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संस्कृत व्याकरण-शास्त्र का इतिहास
वरतन्तु (रघुवंश में उद्धृत) I. २०१८ II. ४१५,८। वरदत्त (प्रानीय ब्रह्मदत्त का पुत्र) Il.३८३,१८१ : वरदराज (वामनाचार्य का पिता) I. ४६४,२६॥५७८,८१६०१,
१५॥ वरदराज (प्र० को व्याख्याकार) I. ५६७८॥ वरदराज (लघुकौमुदीकार) I. ६५५,१९।। वरदराज (धातुरूपभेदकार ?) II. ८१,१७। .. वरदेश्वर (नीलकण्ठ का पिता) 1. ४४२.. वरनेल I. ३१७,५॥ वररुचि (फुल्लसूत्रकार ?) I. ७२,१८१ II. ४०४,१६-२०
वररुचि (वात्तिककार) I. २०११३२६,२३।३३५,६३ । • वररुचि (निरुक्त समुच्चयकार, विक्रम समकालिक) I.२३१,
__ १८१२३२,१।३२७.१६॥३२८०२। II. २६२,३।
वररुचि (काव्यकार, वात्तिककार)I. २६२,१९।३२३,२३३८,३। ....... II. ४७०,४१४७४,६१४७५,१४।४७६.६। .. "
वररुचि (उभयसारिकाभाणकार विक्रमकालिक ?) I. ३३६,
वररुचि कात्यायन (स्वर्मारोहकाव्यकार) II. ६३,१४, वररुचि कात्यायन (?) II. ३००,६ : '. वररुचि कात्यायन (कात्यायन-पुत्र, वात्तिककार) . २०१॥२४॥
३२६,४-५॥३३१,२१ II. ३८६२।३९८१॥ वररुचि (अष्टाध्यायी वृत्तिकार) 1 ४८५.१६॥ वररुचि (कात्यायन गोत्रज, कातन्त्र कृत्प्रकरण-प्रवक्ता) I.
. . ६२३,१६ । II. २५८,२० .. वररुचि (कातन्त्र वृत्तिकार) I. ६२६०७६३०,३। वररुचि सस्तवर्मा L.६२२,१८. बरखचि (लिङ्गानुशासनकार) II. २८०,२२८१०५।२८३,१९॥
२८९,११६३००-७1 III. १७४,२६..... वररुचि (ले० प्रा० भाष्यकार) II. ३६७२३॥