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संस्कृत व्याकरण-शास्त्र का इतिहास .
रामदेव मिश्र ५०६,५।५८०,श रामनाथ" (कविकल्पद्रुम-व्याख्याकार) II. १४०,१३। रामनाथ' (=रमानाथ, कातन्त्र-धातुवृत्तिकार) II. १२१,२०।
४७१,२०1 III. ८४,२६। रामनाथ चक्रवर्ती (त्रिकाण्डशेषकार) II. २८८,२२॥ रामनाथ विद्यावाचस्पति II ३००,१०॥ रामनाथ सिद्धान्तवागीश II. ३४२,१। रामनारायण तर्कपञ्चानन II. ४६०,१३। राम पाणिपाद II. ४८१,१७।४६५,११ रामप्रसाद द्विवेदी II. ३२६,२३। रामभट्ट (सारस्वत-व्याख्याता) I. ७१२,६। रामभद्र अध्वरी (=रामचन्द्र अध्वरी) I. ४४४,२॥५७६,४।
द्र० रामचन्द्र दीक्षित शब्द । रामभद्र दीक्षित (पतञ्जलि चरित लेखक) I. ३६३,३। रामभद्र मखी-यज्वा-दीक्षित' I. ४६४,२४।४६५,२। II. २३४;
६२३५,४।३१७,५।३२१,२-८।३५९,२१-२३। .. रामभद्र विद्यालंकार I. ७१६,६। रामभद्र सिद्धान्तवागीश I. ४६०,२२॥ रामराजा (रसरत्नप्रदीपकार) I.३०३,१८। रामलाल कपूर ट्रस्ट I. ३,२७११८,२५।१०६,२६।२३२,३०।
५४७,२८।५५२,७१५६०,२११ II. E२,६३८५,१०४१०,
२६॥
रामलिङ्- द्र० 'तेनालि रामलिङ्ग' शब्द ।
१. कविकल्पद् म के व्याख्याकार का नाम रामनाथ और कातन्त्र धातु व्याख्याता का नाम रमानाथ है । लेखकों की असावधानेता से उभयत्र नामों का सार्य देखने में आता है । पूर्व लेखकों के उद्धरणों के निर्देश से हमारे ग्रन्थ में भी यह सांकर्य हो गया है।
२. रामभद्र का ही दूसरा नाम रामचन्द्र है। उसके भी ये ही विशेषण प्रयुक्त हैं। द्र० पूर्व पृष्ठ २६३ की टिप्पणी १।