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________________ कर्मउपशामना कर्म-कर्म विधान कर्मकारक कर्मकाल विधान कर्मक्षेत्रउत्कृष्ट कर्मक्षेत्रजघन्य कर्मक्षेत्रविधान कर्मगतिविधान कर्मजा प्रज्ञा कर्मत्व कर्मद्रव्य कर्मद्रव्यक्षेत्र कर्मद्रव्यभाव कर्मद्रव्यविधान कर्मधारय कर्मधारय समास कर्मयविभाषणा कर्मनारक कर्मनिक्षेप कर्मनिबन्धन कर्मनिर्जरा १३-३८ १३-३८ ९-८२ ६-१२ ७-८२ ४-६ १२-२ १३-३८ १०-२३६ ३-७ १३-३८ ७-३० १३-३८ १५-३ ७- १४ १३-३८ ४-३३२, ३२५ ४-३२२, ३२५ १३- २०४, २०५, ३९२ १५-१५ १३-३८ १-१२१; ९-२२२ १५-२७५ १३-३८ १३-२७९ १३-३८ ११-१३ ११-१२ कर्मपरिमाणविधान कर्मपुद्गल कर्मपुद्गलपरिवर्तन कर्मप्रकृति कर्मप्रक्रम कर्मप्रत्ययविधान कर्मप्रवाद F (२२) ४-४७६; १४-४६ ७-४, ५ १३-३८ १३-३८ ४-१४, १६९, ६-२४५ कर्मभूमिप्रतिभाग ४-२१४; ११-८९ कर्ममोक्ष १६-३३७ कर्ममङ्गल १-२६ कर्मवणा १४-५२ कर्मवेदना १०-७ कर्मसन्निकर्षविधान १३-२८ कर्मस्थिति ४- ३९०, ४०२, ४०७, ७-१४५ ९-२३६ ४-३२२ १३-३, ४,५ ४-४७७ १६-३३९ १३-३७ ७-६, १३-३३५ कर्मबन्ध कर्मबन्धक कर्मभागाभागविधान कर्मभावविधान कर्मभूमि कर्मस्थितिअनुयोग कर्मस्थितिकाल कर्मस्पर्श कवि कर्मसंक्रम कर्मानुयोग कट कर्वटविनाश कल कल्प कल्पकाल कल्पवासिदेव कल्पवृक्ष कल्प्यव्यवहार कल्प्यकल्प्य कल्याणानामधेय १३-३३२, ३३५, ३४१ १३-३४६, ३४९ ४-३२०; १२-२०९ ३-१३१, ३५९ ४-२३८ ८-९२ १-९८, ९-१९० १-९८; ९-१९० १-१२१, ९-२२३
SR No.002281
Book TitleShatkhandagam ki Shastriya Bhumika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2000
Total Pages640
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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