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डॉ. हीरालाल जैन
संस्थापक आचार्य एवं अध्यक्ष डॉ. हीरालाल जैन संस्कृत, पालि, प्राकृत विभाग रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर (म.प्र.)
इस महादेश के मध्यप्रदेश में नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत गांगई ग्राम के प्रतिष्ठित मोदी परिवार में ५ अक्टूबर १८९९ को जन्में मेधावी हीरालाल ने राबर्टसन कालेज, जबलपुर, सेंट जॉन्स कालेज आगरा और इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद से १९२२ में एम. ए. और एल.एल.बी. की शिक्षा प्राप्त की। उन्हें नागपुर विश्वविद्यालय ने १९४८ में डी.लिट. की उपाधि से अलंकृत किया।
डॉ. हीरालाल जैन, जबलपुर विश्वविद्यालय की सेवा में १९६१ से १९६९ तक आचार्य और अध्यक्ष पद पर कार्यरत रहे । पूर्व में, अधोदर्शित पदों पर उन्होंने १९२४ से १९६० तक अध्यापन और शोध-निर्देशन किया।
प्राध्यापक संस्कृत विभाग, किंग एडवर्ड कालेज, अमरावती आचार्य संस्कृत विभाग, मारिस कालेज, नागपुर प्राचार्य, नागपुर महाविद्यालय, नागपुर निदेशक, प्राकृत व जैनालॉजी अध्ययन और शोध संस्थान, मुजफ्फरपुर
डॉ. हीरालाल जैन ने अपने जीवनकाल में १४ हजार पृष्ठों की शोध-सामग्री और २७ मूल्यवान ग्रंथों की रचनाकार प्राच्य भारतीय इतिहास, संस्कृति, भाषाशास्त्र और शिलालेखीय साहित्य की सर्वाधिक जटिल दिशा में अद्वितीय कार्य किया